28 को नेटवर्क से बाहर हो जायेंगे गया के लाखों मोबाइल यूजर्स – (लीड)फ्लैग – शहर के 10 मोबाइल टावरों को सील करने की तैयारी नगर निगम के इस कदम से सरकारी व प्राइवेट, दोनों के उपभोक्ता होंगे प्रभावित इन टावर से जुड़े उपभोक्ताओं का नये साल का जश्न रहेगा अधूरा संवाददाता, गया नगर निगम शहर में स्थित मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के टावरों को सील करने का आदेश जारी कर चुका है. आगामी 28 दिसंबर को शहर में पांच कंपनियों के 10 मोबाइल टावर सील कर दिये जायेंगे. ऐसे में इन 10 टावरों से जुड़े लाखाें उपभोक्ताओं के लिए नये साल का जश्न अधूरा रह जायेगा. मोबाइल नेटवर्क खत्म होने पर इन इलाकों के लोग अपने परिजनों व रिश्तेदारों को नववर्ष की बधाई नहीं दे पायेंगे. मोबाइल टावरों के बंद होने की खबर आने के बाद जितने परेशान टेलीकॉम आपरेटरों हैं, उतनी ही चिंता उपभोक्तओं को भी है. आज मोबाइल फोन रोजमर्रा की जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है. शहर का हर व्यक्ति इस समस्या का हल चाह रहा है. वह चाहता है कि नगर निगम व टेलीकॉम ऑपरेटरों के बीच के मसले में उसकी रोजाना की जिंदगी प्रभावित नहीं हो. शहर में 263 मोबाइल टावर आंकड़ों के मुताबिक, शहर में विभिन्न मोबाइल कंपनियों के 263 टावर हैं. टेलीकॉम ऑपरेटरों की मानें, तो शहर में लगभग 15 लाख मोबाइल फोन उपभोक्ता हैं. जाहिर है सभी मोबाइल नेटवर्क टावर सील होने का इसका सीधा प्रभाव उपभोक्ताओं पर ही पड़ेगा. आम उपभोक्ताओं को थोड़ी देर के लिए छोड़ भी दें, तो बड़ा वर्ग, जो शहर की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सेदार है, वह बुरी तरह से प्रभावित होगा. यह अब सामान्य सी बात हो गयी है कि लगभग हर काम मोबाइल से ही होता है. फिर चाहे फोन कॉल हो या फिर इंटरनेट. गया में भी ज्यादातर बिजनेस इसी पर टिका है. इधर, सील किये जानेवाले टावरों की सूची में बीएसएनएल व एयरटेल के टावर भी हैं. शहर का तमाम प्रशासनिक महकमा इसी नेटर्वक से जुड़ा है. अब सवाल है कि क्या नगर निगम सरकारी व्यवस्था को भी ठप करा देगा, जिसका वह भी एक अहम हिस्सा है. टावर एक्ट पर है विवाद यह पूरा मामला राज्य सरकार द्वारा 2012 में लाये गये टावर एक्ट से जुड़ा है. इस एक्ट के मुताबिक, नगर निगम क्षेत्रों में एक टावर लगाने (इंस्टॉलेशन) पर 50 हजार रुपये का शुल्क तय है. साथ ही, लाइसेंस रेन्युअल के नाम पर सालाना 15 हजार रुपये शुल्क के तौर पर लिया जायेगा. दरअसल, विवाद का कारण ये दोनों नहीं हैं, बल्कि दूसरी शर्त है. शर्त है कि एक्ट में कहा गया कि लाइसेंस रेन्युअल शुल्क तब से लिया जाये, जब से टावर लगाया गया है. एक्ट के मुताबिक ही नगर निगम ने अपना हिसाब जोड़ा है. शहर में लगाये गये सभी टावरों को मिला कर यह शुल्क एक करोड़ 98 लाख रुपये तक पहुंचा है. नगर निगम का कहना है कि 2008-09 में ही शहर में लगाये गये सभी टावरों का सर्वे करा लिया गया था. सभी टावरों का इंस्टॉलेशन डेट भी मौजूद है. इधर, नगर निगम का दावा है कि हाइकोर्ट ने उसके हक में ही फैसला भी दिया है. मोबाइल टावर का कामकाज देख रहे निगम के अभियंता विनोद कुमार के मुताबिक हाइकोर्ट ने टावर के इंस्टॉलेशन डेट से ही टैक्स लेने का आदेश दिया है. सरकार की दोनों शर्त नहीं हो सकती पूरी एयरटेल के पूर्व डिस्ट्रीब्यूटर हरि प्रपन्न का कहना है कि टेलीकॉम इंडस्ट्री के सामने सरकार ने दो शर्त रखी हैं. पहला, शहरी क्षेत्र में ज्यादा टावर नहीं लगाये जायें और दूसरा, किसी भी तरह से कॉल ड्रॉप की शिकायत भी नहीं हो. सरकार की इन दोनों शर्तों को एक साथ पूरा नहीं किया जा सकता है. कॉल ड्रॉप रोकने के लिए नेटवर्क को मजबूत करना बहुत जरूरी है और इसके लिए टावर इंस्टॉल करना ही पड़ेगा. अब तकनीक में भी काफी बदलाव आ गया है. कोई भी कंपनी अब रेडिएशन को ध्यान में रख कर ही टावर लगा रही है. नये टावरों में रेडिएशन की समस्या बहुत कम हो गयी है. टेलीकाॅम ऑपरेटरों की भी आपत्ति राज्य सरकार के टावर एक्ट की शर्तों के खिलाफ कई टेलीकॉम ऑपरेटरों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. एक्ट की शर्तों के मुताबिक, रिहायशी इलाके में मोबाइल टॉवर नहीं होंगे. ऑपरेटरों का कहना है कि ऐसा करने पर रिहायशी इलाकों में नेटवर्क की समस्या हो जायेगी. जिस तेजी से मोबाइल उपभोक्ता बढ़ रहे हैं, उसके अनुपात में टावरों का इंस्टॉलेशलन काफी कम है. दूसरी आपत्ति कानून पर भी है. दरअसल, 2012 में टावर एक्ट प्रभाव में आया, लेकिन सरकारी निर्देश में टेलीकॉम ऑपरेटरों को टावर इंस्टॉलेशन डेट से ही टैक्स देने को कहा गया. ऑपरेटरों का कहना यह कि कानून बनने के बाद ही उसे प्रभावी माना जाये, उसके बाद का ही टैक्स सरकार उनसे ले. सील होनेवाले मोबाइल टावर1. बीएसएनएल®नादरागंज व माड़नपुर2. रिलायंस®स्वराजपुरी रोड व नगमतिया कॉलोनी3. टाटा इंडिकॉम®नगमतिया कॉलोनी व लक्ष्मण सहाय लेन4. आइडिया®जीबी रोड व शहीद रोड5. एयरटेल®केपी रोड व जीबी रोड
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28 को नेटवर्क से बाहर हो जायेंगे गया के लाखों मोबाइल यूजर्स – (लीड)
28 को नेटवर्क से बाहर हो जायेंगे गया के लाखों मोबाइल यूजर्स – (लीड)फ्लैग – शहर के 10 मोबाइल टावरों को सील करने की तैयारी नगर निगम के इस कदम से सरकारी व प्राइवेट, दोनों के उपभोक्ता होंगे प्रभावित इन टावर से जुड़े उपभोक्ताओं का नये साल का जश्न रहेगा अधूरा संवाददाता, गया नगर निगम […]
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