उन्होंने संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, मातृ-शिशु मृत्यु दर, लिंग अनुपात व टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया. कंपलीकेटेड मैटरनल डिलिवरी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर पर लगातार पर्यवेक्षण करने व जन्म के समय ढाई किलोग्राम से कम वजन के बच्चों की डेढ़ साल तक मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया. वह, समाहरणालय के सभाकक्ष में रविवार को मगध प्रमंडल स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
इसके लिए आवश्यक है कि डीएम स्वास्थ्य सेवाओं की पाक्षिक व सिविल सर्जन साप्ताहिक समीक्षा जरूर करें. साथ ही, नियमित रूप से पीएचसी का निरीक्षण भी करें. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को तो हर रोज अस्पताल का निरीक्षण करना जरूरी है. निरीक्षण के आधार पर जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई भी सुनिश्चित करें. जिम्मेवार लोगों हुई कार्रवाई विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी. हर माह टीकाकरण की सूची अपडेट कर लें. आशा दिवस पर टीकाकरण की सूची अवश्य अपडेट करें. परिवार नियोजन कैंप सर्जन की उपलब्धता के अनुसार ही लगाया जाये. बैठक में डीएम कुमार रवि के अलावा मगध प्रमंडल के सभी जिलों के सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे.