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कर्लिोस्कर प्रोजेक्ट 2

किर्लोस्कर प्रोजेक्ट 2प्रोजेक्ट की खामियांपानी नहीं मिलने का सबसे बड़ा कारण है, लो लेवल बोरिंग. इस प्रोजेक्ट में आठ जगहों पर बोरिंग करायी गयी. पांच दंडीबाग में, एक मानपुर जोड़ा मसजिद, एक मुफस्सिल थाना व एक मानपुर पुल. लेकिन, इन सभी जगहों पर अप-टू-डेट बोरिंग नहीं की गयी. लोअर कारण है कि वाटर लेयर नीचे […]

किर्लोस्कर प्रोजेक्ट 2प्रोजेक्ट की खामियांपानी नहीं मिलने का सबसे बड़ा कारण है, लो लेवल बोरिंग. इस प्रोजेक्ट में आठ जगहों पर बोरिंग करायी गयी. पांच दंडीबाग में, एक मानपुर जोड़ा मसजिद, एक मुफस्सिल थाना व एक मानपुर पुल. लेकिन, इन सभी जगहों पर अप-टू-डेट बोरिंग नहीं की गयी. लोअर कारण है कि वाटर लेयर नीचे जाते ही मोटर पानी खींचना बंद कर देता है. दूसरा, कई जगहों पर पानी के प्रेशर पाइप में लिकेज हो जाता है. इसके अलावा यह भी देखा गया है कि खराबी आने पर भी कई-कई दिन मरम्मत में लग जाते हैं. अधिकारी माने या ना माने, लेकिन एक हकीकत यह भी है कि खराबी आने पर मरम्मत में भी काफी वक्त लगता है. इसका कारण है कि तकनीक उन्हें समझ में नहीं आती है. कई बार अभियंताओं ने यह स्वीकारा भी. नगर निगम की मुश्किलेंनगर निगम के सामने मुश्किल यह है कि शहर की जिम्मेवारी उस पर है. पानी सप्लाइ बंद होने के साथ लोग नगर निगम के खिलाफ नाराज होने लगते हैं. ऐसे में नगर निगम को पानी मुहैया कराना पड़ता है. इसका खर्च भी नगर निगम को ही उठाना होता है. पूर्व में इस पूरे प्राजेक्ट को निगम को हैंडओवर करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन प्रोजेक्ट में कई खामियां और पूरा नहीं होने की वजह से नगर निगम इसे अपने अंदर में लेने से इनकार करता रहा है. इस साल बारिश नहीं होने से वाटर लेयर नीचे चले जाने की पूरी आशंका बन गयी है. ऐसे में निगम अभी से ही अपने स्तर पर प्लानिंग करने में लगा है. एक तो शहर पहले से ही सूखा है, ऊपर से पानी सप्लाइ बंद हो जाने से नगर निगम के सामने मुश्किलें आ जाती हैं. एक्स्ट्रा खर्च उठाना पड़ता है. शहर को पानी मुहैया कराना हमारी जिम्मेवारी है, तो इसे हर हाल में पूरा करना ही पड़ता है. सोनी कुमारी, मेयरप्रोजेक्ट में कई खामियां हैं. अगर नगर निगम इसे अपने अंदर में लेता भी है, तो उसकी मरम्मत आदि का भार नगर निगम पर आ जायेगा. इस तरह के आधे-अधूरे काम को अपने जिम्मे लेना नयी मुसीबत हो जायेगी. इसलिए हम अपने स्तर पर प्लानिंग कर रहे हैं कि शहर में पानी की दिक्कत नहीं हो. मोहन श्रीवास्तव, डिप्टी मेयरपंतनगर, मधुसूदन कॉलोनी आदि में पाइपलाइन बिछाया गया, लेकिन पानी सप्लाइ नहीं शुरू हो सकी. इस मसले को हर बार जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के सामने रखा, लेकिन अब तक इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया. संतोष सिंह, पार्षद वार्ड-46गांगोबिगहा, भटबिगहा व मुस्तफाबाद में पानी की ज्यादा परेशानी है. लगभग सभी जगह सप्लाइ बंद है. अधिकारी कहते हैं कि संवेदक नहीं हैं. पूरा इलाका चापाकल के भरोसे ही जी रहा है. नरेश ठाकुर, पार्षद वार्ड-30जारी रहेगा संघर्ष, होगा रोड जामशुरू से ही इस प्रोजेक्ट की खामियों और लोगों को पानी मुहैया कराये जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे जल व्यवस्था संघर्ष समिति के सचिव गजेंद्र सिंह ने बताया कि उन लोगों ने रविवार को ही पानी की समस्या को लेकर बैठक की है. शहर में अभी से ही पानी की समस्या शुरू हो गयी है. यह संकेत है कि गरमी में हालात बिगड़ जायेंगे. ऐसे में सरकार व प्रशासन को कुछ वक्त दिया जा रहा है. इतने समय में अगर व्यवस्था बेहतर नहीं की गयी, तो पांच जनवरी को गया कॉलेज के पास सभी प्रभावित इलाकों के लोग सड़क जाम कर देंगे.लोगों की मुश्किलेंशहर में विकास की बात होती है, दूसरी ओर यहां लोगों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिल पा रहा है. प्रशासन भी इस पर गंभीर नहीं दिखता है, बहुत विरोध और नाराजगी जाहिर करो, तो टैंकर भेज दिया बस. मो अख्तर हुसैनलोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है. दूर-दराज इलाके में चापाकल के ही भरोसे काम चल रहा है. सवाल यह है कि जब लोगों को पानी देना ही नहीं है, तो फिर ऐसे प्रोजेक्ट बनाये क्यों जाते हैं. अजय कुमारजनता के करोड़ों रुपये प्रोजेक्ट के नाम पर बरबाद कर दिया जाता है, लोगों को पानी तक नहीं मिला. इसके लिए दोषी कौन है. जांच हो और उस पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाये. बबलू सिंहपानी नहीं होने से घर का हर काम प्रभावित होता है. मुसीबत यह कि पीने का पानी भी नहीं मिल पाता है. प्रशासन को कभी आम जनता की परेशानियों से कोई मतलब ही नहीं होता. आशा केसरीकोटकंपनी ने लगभग सभी काम बेहतर तरीके से ही किया, लेकिन दंडीबाग में ही कामकाज पर ध्यान नहीं दिया गया. दंडीबाग में महज 38 फुट पर बोरिंग की गयी, जबकि वहां जरूरत 80 से 90 फुट की है. मुसीबत यह है कि मोटर को और नीचे किया भी नहीं जा सकता है. पीएचइडी व्यवस्था ठीक करने में लगी है. किर्लोस्कर कंपनी के अधिकारियों को बुलाया गया है, चूंकि कंपनी को काम करने पर रोक लगा दी गयी है, इसीलिए आगे का काम अब पीएचइडी करेगा. कंपनी के लोगों से अब तक के काम का ब्योरा लेने के बाद आगे काम कराया जायेगा. चंदेश्वर राम, कार्यपालक अभियंता पीएचइडीकंपनी को ब्लैकलिस्टेड तो किया गया है, लेकिन सरकार को यह अधिकार है कि उस कंपनी पर एफआइआर कर उससे पैसों की रिकवरी की जाये. दूसरा यह है कि हमने पीएचइडी के अधिकारियों से इस मसले पर बात की है. गरमी से पहले कोई वैकल्पिक व्यवस्था करा ली जाये. तीन नयी बोरिंग की भी बात हुई है, जो गरमी आने से पहले करा दिया जायेगा. डाॅ प्रेम कुमार, विधायक

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