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कमांडो हत्याकांड: आठ बीघा जमीन को लेकर था विवाद

कमांडो हत्याकांड: आठ बीघा जमीन को लेकर था विवाद वरीय संवाददाता, गयाबोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के उतरी द्वार के सामने स्थित बैजूबिगहा मौजे में कमांडो यादव के पिता राजा यादव के मंझले भाई पुन यादव की आठ बीघा जमीन, जिसकी बाजार में मौजूदा कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है, पर मालिकाना हक को लेकर हुए […]

कमांडो हत्याकांड: आठ बीघा जमीन को लेकर था विवाद वरीय संवाददाता, गयाबोधगया स्थित मगध विश्वविद्यालय के उतरी द्वार के सामने स्थित बैजूबिगहा मौजे में कमांडो यादव के पिता राजा यादव के मंझले भाई पुन यादव की आठ बीघा जमीन, जिसकी बाजार में मौजूदा कीमत करीब 40 करोड़ रुपये है, पर मालिकाना हक को लेकर हुए विवाद में अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है. इससे पहले कमांडो यादव के पिता राजा यादव के भाई पुन यादव की 14 दिसंबर, 2011 को मौत हो गयी थी. हालांकि, पुन यादव की मौत कैसे हुई, यह अब भी रहस्य बना हुआ है. लेकिन, परिजनों ने पुन यादव की मौत स्वाभाविक बतायी थी. अब कमांडो यादव की हत्या होने के बाद उनके बेटे रोशन व सुमिरन आशंका जता रहे हैं कि पुन यादव की आठ बीघा जमीन पाने के लोभ में उनके पिता की हत्या कर दी गयी. नि:संतान थे पुन यादव कमांडो यादव की पत्नी धर्मशीला देवी, बेटा सुमिरन यादव व रोशन यादव के अनुसार, कमांडो यादव के पिता राजा यादव चार भाई थे. उनमें सबसे बड़े सोहराई यादव, मंझले पुन यादव, संझले छठु यादव व सबसे छोटे राजा (कमांडो यादव के पिता) यादव थे. चारों भाइयों को हिस्से में आठ-आठ बीघा जमीन मिली थी. पुन यादव को कोई संतान नहीं थी. इस कारण पुन यादव की आठ बीघा जमीन पर उनके बड़े भाई सोहराई यादव के बेटे मुसाफिर यादव व छोटे भाई राजा यादव के बेटे कमांडो यादव अपना हक जताते थे. इसको लेकर मुसाफिर यादव व कमांडो यादव में विवाद था. पुन यादव की जमीन पर दोनों में से कोई भी कामकाज शुरू कराता था, तो विवाद हो जाता था. मारपीट तक की नौबत आ जाती थी. बाद में यह विवाद कोर्ट पहुंच गया. सात दिसंबर को कोर्ट से आना है फैसला मुसाफिर यादव व कमांडो यादव के बीच जमीन विवाद के मामले की सुनवाई सिविल कोर्ट के सब जज-छह की अदालत में चल रही है. परिजनों के अनुसार, सात दिसंबर को जमीन विवाद में कोर्ट का फैसला आनेवाला है. लेकिन, दुर्भाग्य है कि इस फैसले से पहले कमांडो यादव की हत्या कर दी गयी. फंसाने के लिए खुद ही कराया हमला औरंगाबाद जिले के बारुण थाने की पुलिस द्वारा शनिवार को कमांडो यादव का शव सौंपने के बाद उसी रात बैजूबिगहा में मुसाफिसर यादव के घर पर जमकर हंगामा हुआ था. मुसाफिर के घर पर ताला लगा दिया गया. इस संंबंध में कमांडो के बेटे रोशन व सुमिरन ने बताया कि उनके पिता की हत्या मुसाफिर यादव व उनके बेटों ने की है. उन्हें झूठे केस में फंसाने के लिए मुसाफिर यादव ने ही अपने ही लोगों से शनिवार की रात अपने घर पर हमला करवाया. मुसाफिर के घर पर पुलिस की नजर इस मामले में मुसाफिर यादव के परिजनों से बातचीत करने के लिए प्रभात खबर की टीम रविवार की शाम उनके घर पर गयी, लेकिन घर में ताला लटका हुआ था. वहां पर मौजूद एक युवक ने बताया कि कमांडो यादव का शव मिलने के बाद मुसाफिर यादव के परिवार के सभी पुरुष सदस्य फरार हो गये. शनिवार की रात हंगामा होने के बाद पुलिस अपनी गाड़ी से महिला सदस्यों को कहीं लेकर चल गयी थी, जो अब तक वापस नहीं लौटी हैं. महिलाएं के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिली है. युवक ने बताया कि मुसाफिर यादव के घर में शनिवार की रात से ही ताला लटका है. ऐसे में असामाजिक तत्वों द्वारा मुसाफिर के मकान में आग लगा दी गयी, तो इसके लिए कमांडो यादव के परिजनों को ही कसूरवार ठहराया जायेगा. युवक ने यह भी बताया कि मुसाफिर यादव के घर की गोशाला में दो गायें बंधी हैं, लेकिन, उन्हें भी देखनेवाला कोई नहीं रहा. इधर, युवक से मिली जानकारी के बाद बोधगया इंस्पेक्टर नरेश कुमार ने मुसाफिर यादव के घर की सुरक्षा के लिए पुलिस पैट्रोलिंग बढ़ाने की बात कही है. इंस्पेक्टर ने बताया कि मुसाफिर यादव के घर पर नजर रखी जा रही है. गायों की देखभाल के लिए भी व्यवस्था की जा रही है.

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