गया : केंद्र सरकार के हेरिटेज सिटी सूची में शामिल गया शहर के लिए पहले चरण में विकास की कई योजनाएं तैयार हो चुकी हैं. इनटैक द्वारा तैयार प्लान के मुताबिक गया शहर के छह जोन में बांटा गया है. जोन-1 में विष्णुपद मंदिर परिसर व फल्गु नदी घाट का चयन किया गया है. इसके […]
गया : केंद्र सरकार के हेरिटेज सिटी सूची में शामिल गया शहर के लिए पहले चरण में विकास की कई योजनाएं तैयार हो चुकी हैं. इनटैक द्वारा तैयार प्लान के मुताबिक गया शहर के छह जोन में बांटा गया है.
जोन-1 में विष्णुपद मंदिर परिसर व फल्गु नदी घाट का चयन किया गया है. इसके लिए 26.75 करोड़ रुपये का प्लान तैयार किया गया है. सिर्फ प्रशासनिक मंजूरी लेनी बाकी है. गया की पहचान के रूप में स्थापित विष्णुपद मंदिर देश-दुनिया में
विख्यात है.
यहां वर्ष भर देश भर से लोगों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में इस मंदिर व आसपास के परिसर को हेरिटेज के तौर सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. साथ ही, पिंडदान को लेकर फल्गु की भी बड़ी महत्ता है, लेकिन घाटों पर बेहतर व्यवस्था नहीं होने से आनेवाले लोगों को परेशानी होती है. इन सब बातों को ही ध्यान में रख कर सबसे पहले विष्णुपद मंदिर व फल्गु नदी के घाटों के विकास का प्लान तैयार किया गया है.
विष्णुपद मंदिर क्षेत्र में 7.94 करोड़ से हाेंगे काम : विष्णुपद मंदिर परिसर के लिए कुल 7.94 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. मंदिर परिसर में सभी जगहों पर सबसे पहले लोगों के बैठने का इंतजाम किया जाना है. इसके अलावा मंदिर से कॉरीडोर तक सीढ़ियों के साथ-साथ मंदिर परिसर में शेड व चहारदीवारी का निर्माण किया जाना है.
पूरे विष्णुपद मंदिर क्षेत्र में पार्किंग का कोई बेहतर इंतजाम भी नहीं है. ऐसे में तुलसी उद्यान व श्मशान घाट के पास पार्किंग तैयार करने का प्लान है. इसके अलावा तुलसी उद्यान, लक्ष्मी नारायण उद्यान व करसिल्ली पहाड़ी पर स्थित पार्क का सौंदर्यीकरण किया जाना है. नागरिक सुविधाअों के तहत पूरे मंदिर इलाके में रोशनी, पानी व शौचालय की भी व्यवस्था करना भी प्लान में शामिल है.
नदी घाटों के लिए 18.81 करोड़ का प्लान : फल्गु नदी के घाटों के लिए कुल 18.81 करोड़ रुपये का प्लान तैयार किया गया. सबसे पहले श्मशान घाट, विष्णुपद घाट व देवघाट को बेहतर करना है. सभी घाटों पर जगह-जगह पौधे लगेंगे.
यहां आनेवाले लोगों के लिए बेंच, शेड, चेंजिग रूम विद शॉवर, पर्यटकों के लिए स्थायी सूचना बोर्ड, शौचालय, पेयजल व हर 50 मीटर पर एक डस्टबीन व लाइट पोस्ट भी लगाये जायेंगे. ये सभी काम चौधरी घाट से लेकर पितामहेश्वर घाट तक होंगे. नदी घाटों को एक-दूसरे से जोड़ा जायेगा. साथ ही, देवघाट से सीताकुंड तक जाने के लिए भी पाथवे भी तैयार किया जायेगा.