गया: मगध विश्वविद्यालय व इससे संबंधित सभी अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन सत्यापन के नाम पर फिर से अंकेक्षण होने से शिक्षकों व कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. इसके विरोध की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है. उनका आरोप है कि 1992 से 2006 तक पटना में और 2007 से 2012 तक मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय में वेतन सत्यापन के नाम पर अंकेक्षक टीम ने अंकेक्षण किया था.
इधर, राज्य सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा पुन: वेतन सत्यापन के नाम पर पटना मुख्यालय में अंकेक्षण कराया जा रहा है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ ने राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस टीम को कागजात उपलब्ध नहीं कराने का निर्णय लिया है.
यह जानकारी महासंघ के प्रक्षेत्रीय मंत्री राजनंदन सिंह ने दी. दूसरी ओर (फुटाब ) फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन ने अंकेक्षण दल को असहयोग करने का निर्णय लिया है. अब (फुस्टाब) फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन ऑफ बिहार से जुड़े शिक्षकों ने भी इसका विरोध करने का मन बना लिया है. गया कॉलेज शिक्षक संघ के सचिव डॉ राम विलास सिंह, डॉ मो इश्तेशाम खान, डॉ ब्रज भूषण प्रसाद सिंह, अशोक कुमार सिंह आदि ने बताया कि फुस्टाब की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में अंकेक्षण दल का विरोध करने का निर्णय लिया जायेगा.