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धरोहरों के संरक्षण में लोगों की भूमिका अहम

धरोहरों के संरक्षण में लोगों की भूमिका अहमपर्यावरण की रक्षा से कम की जा सकती है धरोहरों का नुकसान एमयू के शिक्षा विभाग में आयोजित की गयी संगोष्ठीफोटो- बोधगया 01- संगोष्ठी में एएसआइ पटना के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ डीएन सिन्हा को खादा भेंट करते बौद्ध भिक्षुसंवाददाता, बोधगयाविश्वदाय धरोहरों के संरक्षण में आम लोगों की भूमिका […]

धरोहरों के संरक्षण में लोगों की भूमिका अहमपर्यावरण की रक्षा से कम की जा सकती है धरोहरों का नुकसान एमयू के शिक्षा विभाग में आयोजित की गयी संगोष्ठीफोटो- बोधगया 01- संगोष्ठी में एएसआइ पटना के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ डीएन सिन्हा को खादा भेंट करते बौद्ध भिक्षुसंवाददाता, बोधगयाविश्वदाय धरोहरों के संरक्षण में आम लोगों की भूमिका को अहम बताते हुए आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(एएसआइ) पटना के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ डीएन सिन्हा ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा कर हम विश्व धरोहरों को नुकसान होने से बचा सकते हैं. उन्होंने इसके लिए जन साधारण से पहल करने की अपील की और कहा कि प्राचीन स्मारकों व इमारतों को संरक्षित रखने में मौसम का प्रभाव काफी असर डाल रहा है. डॉ सिन्हा ने शुक्रवार को मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में विश्व धरोहर स्थलों के परिरक्षण व बदलते मौसम के प्रभाव विषय पर अायोजित संगोष्ठी में उक्त बातें कहीं. उन्होंने आह्वान किया कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचानेवाले रिस्ट फैक्टर को कम करें व दैनिक जीवन में प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें. डॉ सिन्हा ने विश्व धरोहर इमारतों के संरक्षण से जुड़े अन्य पहलुओं पर चर्चा की और इस मसले को लेकर डरबन व लिथुआनिया में हुए सम्मेलनों का जिक्र किया.युवाओं को आगे आने की अपीलसंगोष्ठी में कनाडा के माइकल ने कहा कि विश्व धरोहर इमारतों को संरक्षित रखने में युवा वर्ग को आगे आने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अपनी विरासत को बचाने में युवाओं को ज्यादा तत्पर होना होगा. इसके लिए धरोहरों को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों को कम करने में योगदान देना होगा. संगोष्ठी के दौरान अमेरिका की हना बेकर ने कहा कि बुद्ध की ज्ञानस्थली महाबोधि मंदिर में बहुत ही आध्यात्मिक अनुभूति हुई. उन्होंने महाबोधि मंदिर के संरक्षण पर बल दिया और इसमें सामूहिक भागीदारी की जरूरत बताया. संगोष्ठी में शामिल हेरिटेज अंबेसेडर फॉर रुरल ट्रेडिशन के डॉ एसडी सिंह ने झारखंड के दुमका में इंडिया ट्रस्ट फॉर रुरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट द्वारा मंदिरों का परंपरिक ढंग से किये जा रहे संरक्षण का जिक्र किया व मौजूद छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब भी दिये. अतिथियों का स्वागत शिक्षा विभाग के प्राचार्य डॉ पीके धल ने किया और मंच का संचालन डॉ धनंजय धीरज ने किया. इस अवसर पर महाबोधि मंदिर के भिक्षु पुजारी द्वारा आगत अतिथियों को खादा भेंट कर सम्मानित किया गया. अतिथियों ने महाबोधि मंदिर का भी भ्रमण किया व फोटोग्राफी करायी. संगोष्ठी का आयोजन एमयू के शिक्षा विभाग व इंडियन ट्रस्ट फॉर रुरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. इसमें शिक्षा विभाग के अन्य शिक्षक व स्टूडेंट्स शामिल हुए.

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