बोधगया: मगध विश्वविद्यालय (एमयू) के रसायन विज्ञान विभाग स्थित लाइब्रेरी का लाभ यहां पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है. विभाग के पास समृद्ध लाइब्रेरी होने के बावजूद उसका फायदा स्टूडेंट्स को नहीं मिल पा रहा है. लाइब्रेरी में पांच हजार से ज्यादा पुस्तकें व जर्नल उपलब्ध हैं, लेकिन सभी आलमारी में ही बंद हैं. छात्र-छात्राओं के लिए ऑर्गेनिक, इनऑर्गेनिक व फिजिकल केमेस्ट्री विषयों के लिए अलग-अलग दीर्घा बनाया गया है.
अलग -अलग आलमारी में पुस्तकों व जर्नल को सजाया गया है. अध्ययन करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी है. लेकिन, छात्र-छात्राओं को उनकी जरूरत के मुताबिक पुस्तकें जारी करनेवाला कोई लाइब्रेरियन विभाग के पास मौजूद नहीं हैं. विभाग में मौजूद शिक्षकों को ही फिलहाल लाइब्रेरी की देखरेख करनी पड़ रही है, पर छात्र-छात्राओं को किताबें जारी करने का काम बंद है.
शिक्षकों को क्लास लेने व प्रयोग कराने से फुरसत नहीं मिलने के कारण लाइब्रेरी का कामकाज पर ब्रेक लगा हुआ है. इसका खामियाजा विभाग के छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. उन्हें लाइब्रेरी से किताबें उपलब्ध नहीं करायी जा रही हैं और बेहतर पुस्तकों व शोधपत्रों के अध्ययन से स्टूडेंट्स वंचित रह रहे हैं. विभाग के शिक्षकों का कहना है कि रसायन विभाग की लाइब्रेरी में मौजूद पुस्तकों का अध्ययन करने पहले पटना व रांची से छात्र व शिक्षक आते रहते थे. विभागाध्यक्ष प्रो अरुण कुमार सिंह ने बताया कि लाइब्रेरियन की नियुक्ति के लिए एमयू प्रशासन को लिखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि छात्र हित को देखते हुए लाइब्रेरियन की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है. फिलहाल, लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन के अलावा सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.