..आैर टूट गयी आशा के जीवन की डोर परैया के विनोद मांझी की बेटी थी आशा इनसेफ्लाइटिस से अब तक 22 बच्चों की जा चुकी है जानसंवाददाता, गयामगध मेडिकल अस्पताल के इनसेफ्लाइटिस वार्ड में जीवन व मौत के बीच झूल रही आठ वर्षीय आशा ने आखिरकार दम तोड़ दिया. इसकी पुष्टि अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने की है. वह परैया निवासी विनोद मांझी की बेटी थी.डॉ सिन्हा ने बताया कि पिछले 24 घंटे में इनसेफ्लाइटिस का कोई नया मरीज भरती नहीं हुआ है. अब तक अस्पताल में भरती किये गये इनसेफ्लाइटिस पीड़ित 116 बच्चों में इलाज के बाद 68 बच्चों की छुट्टी की जा चुकी है. अस्पताल में अब भी नौ बच्चे भरती हैं. उल्लेखनीय है कि 12 अगस्त से अब तक 116 बच्चे इनसेफ्लाइटिस की चपेट में आ चुके हैं. इनमें 30 बच्चों के जापानी इनसेफ्लाइटिस (जेइ) से पीड़ित होने की पुष्टि की जा चुकी है. आठ जेइ पीड़ित समेत अब तक 22 बच्चे दम तोड़ चुके हैं.
..और टूट गयी आशा के जीवन की डोर
..आैर टूट गयी आशा के जीवन की डोर परैया के विनोद मांझी की बेटी थी आशा इनसेफ्लाइटिस से अब तक 22 बच्चों की जा चुकी है जानसंवाददाता, गयामगध मेडिकल अस्पताल के इनसेफ्लाइटिस वार्ड में जीवन व मौत के बीच झूल रही आठ वर्षीय आशा ने आखिरकार दम तोड़ दिया. इसकी पुष्टि अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर […]
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