गया: दीपावली में चांदी के पुराने सिक्के व लक्ष्मी-गणोश की आकृति वाले चांदी के सिक्के की बिक्री होती है. इसमें नकली होने की गुंजाइश भी बनी रहती है. नक्कालों से सावधान तभी रह सकते हैं, जब हम इस बारे में जानेंगे. पिछले साल डाक विभाग ने चांदी के कई सिक्के बेचे थे, पर इस बार पूरे देश में डाक विभाग चांदी के सिक्के नहीं बेच रहा है. प्रधान डाकघर के मुख्य पोस्ट मास्टर परशुराम तिवारी ने बताया कि जिस एजेंसी से उनका समझौता था, वह समाप्त हो गया. इस बार किसी से डील नहीं हो पायी. इस वजह से डाकघरों से चांदी के सिक्के नहीं बेचे जा रहे हैं.
एसबीआइ में शुद्धता की गारंटी : उधर, भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य ब्रांच के सहायक महाप्रबंधक अजीत मिश्र ने बताया कि गया के दो ब्रांच मुख्य व एपी कॉलोनी ब्रांच से ही चांदी के सिक्के मिल सकेंगे. इसके लिए ग्राहकों को पैन कार्ड दिखाना जरूरी है. जो एसबीआइ के खाताधारी हैं, वह भी अपने एकाउंट के माध्यम से खरीद सकते हैं. बाकी सामान्य लोगों को चांदी के सिक्के एसबीआइ से नहीं मिल पायेंगे. उन्होंने बताया कि उनके पास लिमिटेड स्टॉक हैं, इसलिए पहले आओ, पहले पाओ वाली स्थिति बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि शुद्धता व वजन की गारंटी होगी. इसके लिए रसीद भी दिये जायेंगे.
चांदी के सिक्के में उतार-चढ़ाव संभव: रेट में उतार-चढ़ाव संभव है. मार्केट रेट के अनुसार, हर रोज इसका दर बदलता रहेगा. इधर, बाजार में सोना-चांदी के दुकानदारों ने बताया कि पिछले साल चांदी का सिक्का 1100 से लेकर 1200 रुपये तक बेचा गया था. लक्ष्मी-गणोश की आकृति वाला चांदी का सिक्का छह सौ रुपये में बिक्री हुआ था.
इस वर्ष मंगलवार को सिक्के का बाजार भाव 950 रुपये रहा. जबकि लक्ष्मी-गणोश के चांदी के सिक्के पांच सौ रुपये में बेचे गये. धनतेरस के दिन तक बाजार भाव में बदलाव संभव है. दुकानदारों ने बताया कि पुराने सिक्कों को कोई बेचना चाहेगा, तो उसकी रसीद की जांच के साथ वर्तमान बाजार भाव के अनुसार टैक्स व वैट काट कर पूरी कीमत दी जायेगी.