गया: हरि अनंत सेवाधाम के प्रांगण में महर्षि परशुराम की जयंती वैचारिक क्रांति अभियान दिवस के रूप में मनायी गयी.
इस समारोह का उद्घाटन ब्राrाण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्र ने किया. उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम के बारे में यह प्रचारित है कि वह क्रूर, प्रतिशोधी, अतिक्रोधी और अत्यंत अहंकारी ऋषि थे, लेकिन परशुराम ऐसे नहीं थे.
वह महान तपस्वी, दयालु और परम ज्ञानी थे. उन्होंने उन्हीं क्षत्रियों का वध किया, जो निरीहों को सताते थे. उन्होंने कहा कि परशुराम जी ने वैचारिक क्रांति का मार्ग अपना कर लोगों को संगठित कर सहस्त्रवाहु जैसे अत्याचारियों का भी सर्वनाश किया.
इस अवसर पर डॉ बीएन पांडेय, डॉ नीलम पांडेय, पंडित त्रिपुरारी मिश्र त्रिलोचन, सिद्ध नाथ मिश्र, डॉ वीणा कुमारी, अनुराधा मिश्र, अनुपम ज्ञानेश, पंडित निशि कांत मिश्र, भुवनेश्वर पांडेय, बाल कृष्ण बेधड़क, राजदेव सिन्हा, डॉ रामेश्वर त्रिपाठी, डॉ परमेश्वर प्रसाद मिश्र, डॉ आनंद शंकर श्रीवास्तव, आदि काफी संख्या में लोग मौजूद थे. इसकी अध्यक्षता पंडित जय गोविंदाचार्य ने की व धन्यवाद ज्ञापन विद्याधर पाठक ने किया.