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छह जिलों में नामांकन आज से

पटना : विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की अधिसूचना गुरुवार को जारी होगी. इसके साथ ही छह जिलों की 50 सीटों के लिए नामांकन शुरू हो जायेगा. नामांकन की अंतिम तिथि आठ अक्तूबर है. नौ अक्तूबर को नामांकन पत्रों की जांच व 12 अक्तूबर को नाम वापसी की तिथि है. वोट 28 अक्तूबर को वोट […]

पटना : विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण की अधिसूचना गुरुवार को जारी होगी. इसके साथ ही छह जिलों की 50 सीटों के लिए नामांकन शुरू हो जायेगा. नामांकन की अंतिम तिथि आठ अक्तूबर है.

नौ अक्तूबर को नामांकन पत्रों की जांच व 12 अक्तूबर को नाम वापसी की तिथि है. वोट 28 अक्तूबर को वोट डाले जायेंगे.

सारण: एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गड़खा(सु), अमनौर, परसा, सोनपुर.

वैशाली : हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजापाकड़(सु), राघोपुर, महनार, पातेपुर(सु).

नालंदा : अस्थावां बिहारशरीफ, राजगीर(सु), इस्लामपुर, हिलसा , नालंदा, हरनौत.

पटना : मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारीशरीफ (सु), मसौढ़ी(सु), पालीगंज, विक्रम.

भोजपुर : संदेश, बड़हरा, आरा, अगियांव(सु), तरारी, जगदीशपुर.

बक्सर : शाहपुर , ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर(सु).

लालू हैं दुश्मन नंबर वन : शाह

बेगूसराय से पंकज मुकाती

लालू तक आवाज जानी चाहिए. इस एक लाइन से शुरू किया अमित शाह ने अपना संबोधन. पहली ही लाइन में खींच दी रणनीति. एकदम साफ, सुस्पष्ट. मंजिल क्या है, किस तक पहुंचना है और कैसे. किससे है सीधा मुकाबला, कमियां, खूबियों को समझो. यही है अमित शाह स्टाइल. थोड़े में ज्यादा.

बिहार चुनाव में कार्यकर्ताओं से रू-ब-रू हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह. पांच दिवसीय दौरे का पहला पड़ाव रहा बेगूसराय का हर्ष गार्डेन. महागंठबंधन को धोखे और चोर का बंधन बताया. बोले कि शेष पेज 15 पर

लालू हैं दुश्मन नंबर…

इनकी वजह से बिहार चारा चोर राज्य कहलाता है. वहीं, नीतीश को धोखेबाज बताया. एक तरह से उन्होंने कार्यकर्ताओं को इशारों में समझा दिया कि आप सब अर्जुन हो और चिड़िया की आंख की तरह हमारा निशाना लालू प्रसाद पर होना चाहिए.

कार्यकर्ताओं से कहा कि हमें इस चुनाव में इस विकास विरोधी जोड़ी को सबक सिखाना है. भाजपा पूर्ण बहुमत लायेगी.

अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से उनके ही अंदाज में संवाद किया, जैसी उम्मीद कार्यकर्ता उनसे बांधे थे. वैसा ही ठोंक देनेवाला भाषण दिया. बोले-जब मेरा बिहार का दौरा बनता था, तो बात बनती थी कि शुरुआत कैसे करें. मैंने कहा, जरूर करेंगे और ठोकेंगे भी. इतना सुनते ही कार्यकर्ताओं ने तालियां ठोंक दीं.

उन्होंने कहा कि न पार्टी जीतती है, न नेता. कार्यकर्ता चुनाव जीतते हैं. इसलिए पहले उनसे बात करूंगा. आज आपके सामने हूं.

मैदान में कार्यकर्ताओं का समूह शाह को सुनने को बेताब दिखा. इस बात की बड़ी उत्सुकता थी कि उत्तर प्रदेश का किला जीतवाने वाला शख्स साक्षात कैसा दिखता है. उसकी रणनीति क्या है. शाह ने कहा कि मैं कोई ज्ञान नहीं दूंगा. सिर्फ बात रखूंगा. उन्होंने कहा कि गीता की रचना युद्ध के मैदान में हुई. मैं गीता पढ़ता हूं, तो सोचता हूं कि इतना बड़ा ज्ञान युद्धभूमि में कैसे दिया जा सकता है. मेरा मानना है कि कृष्ण ने अर्जुन को सिर्फ एक लाइन कही होगी.

जीवन भर मैंने जो कहा, वो याद रखो और विजय प्राप्त करो. आप सब भी युद्ध भूमि में हैं. विजयी कार्यकर्ता हो. अपने अनुभव से काम करो. आप मन मजबूत कर लीजिए, भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने जा रहा है.

कार्यकर्ताओं को मंत्र देने के बाद शाह बिहार की परंपरा, राजनीति, लालू-नीतीश की जोड़ी पर बोले. उन्होंने कहा कि मैं जब आज का बिहार देखता हूं, तो यहां की विरासत, परंपरा याद आती है. एकक्षत्र सम्राट अशोक , चंद्रगुप्त, चाणक्य, नालंदा, वैज्ञानिक अविष्कार बिहार की पहचान रहे हैं.

आज बिहार चारा चोर लालू के नाम से जाना जाता है. (कार्यकर्ताओं ने ताली बजायी, तो बोले यह ताली बजानेवाली बात नहीं है.) फिर नीतीश पर आये. बोले, बिहार में प्रामाणिक और विश्वसनीय नेताओं की परंपरा रही है. आज बिहार अविश्वसनीय और धोखेबाज नेताओं के हाथ में है. धोखे और चोरी की इस जोड़ी को परास्त कर वैभवशाली परंपरा लौटानी है.

शाह ने कहा कि नीतीश धोखा देने के आदी हैं. सत्ता के लिए ऐसा करते रहे हैं. जेपी के आदर्शों को भूल कर कांग्रेस से मिले. जाॅर्ज फर्नांडीज को बेआबरू किया. भाजपा ने नेता बनाया, तो उसे भी धोखा दिया.

अपने साथी जीतन राम मांझी को अपमानित किया. आज वे हमारे साथ हैं. लालू से हाथ मिलाने के बाद बिहार में दवाई, कमाई, पढ़ाई तीनों मुश्किल हो गयी है. हम इसे बदलेंगे. इस बार नीतीश ने धोखा देशभक्तों की टोली को दिया है. बचेंगे नहीं. महागंठबंधन को उन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षतावालों का झुंड बताया.

शाह ने आरक्षण को लेकर सफाई भी दी. कहा, आज कुछ लोग अारक्षण के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा शुरू से ही आरक्षण का समर्थन करती रही है. आगे भी करती रहेगी. हम इसमें कोई बदलाव नहीं करने जा रहे हैं. जबसे संविधान बना है, तब से हम आरक्षण का समर्थन करते रहे हैं. नीतीश-लालू आरक्षण को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी जोरदार हमला बोला. कहा कि राहुल बाबा, हमारे शासन में किसी की हिम्मत नहीं कि देश के नागरिक की हत्या कर दे. अगर कोई ऐसा करता है, तो हमारी फौजें म्यांमार के अंदर घुस कर उन्हें ठोंक देती है.

सारे नेता मोदी के क्लोन

भाजपा की सभाओं में ज्यादातर नेताओं पर नरेंद्र मोदी की छाप दिखाई देने लगी है. बेगूसराय में भी यही अंदाज दिखा. हर कोई मोदी की तरह लहजा और जनता से संवाद के साथ-साथ पंचलाइन को बार-बार दोहराते दिखा. गिरिराज सिंह, जेपी नड्डा, मंगल पांडेय, अनंत कुमार सब उसी अंदाज में दिखे. लहजे में वैसा ही उतार-चढ़ाव. हाथों के आक्रामक घुमाव. बार-बार जनता की तरफ शब्दों को उछालना और उनसे ही जवाब मांगना.

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