गया : आखिरकार अतिरिक्त पदों पर प्रारंभिक स्कूलों में कार्यरत 79 स्नातक स्तर के प्रशिक्षित शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गयी. इसके लिए गत 29 जुलाई को जिला स्कूल में एक कैंप लगा था, ताकि वरीयता के अनुसार ये शिक्षक अपनी इच्छा से स्कूल चुन सकें. हालांकि अतिरिक्त पदों पर कार्यरत 81 में से दो शिक्षक रिटायर हो गये और मात्र 48 ने ही शिविर में पहुंच कर स्कूलों का चयन किया. अन्य 31 उपस्थित नहीं हुए या उपस्थित होकर भी ऐच्छिक स्कूल की संभावना नहीं देख वापस लौट गये. पर, पता चला है कि जो वापस लौट गये थे, उनकी भी शेष बचे खाली पदों पर पोस्टिंग कर दी गयी है. इन्हें सप्ताहभर में नयी जगहों पर योगदान करने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि 2012 में 897 शिक्षकों की प्रोन्नति मैट्रिक प्रशिक्षित से स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान में हुई थी. इनमें 69 वैसे शिक्षक भी शामिल थे, जो प्रोन्नति के लिए शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित अर्हता पूरी नहीं करते थे. प्रोन्नत शिक्षकों की पोस्टिंग में भी भारी अनियमितता बरती गयी थी. इसके खिलाफ एक शिक्षक संगठन ने मगध प्रमंडल के तत्कालीन क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक(आरडीडी-इ) से शिकायत की थी. जांच में शिकायत की पुष्टि होने के बाद आरडीडी-इ ने उन आदेशों को निरस्त कर दिया था. पर, तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) ने आरडीडी-इ के आदेश को नजरअंदाज कर दिया था. जब यह मामला शिक्षा विभाग के निदेशक के पास पहुंचा, तो उन्होंने आरडीडी-इ के आदेश को न केवल सही माना, बल्कि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की पहल भी की. आदेशानुसार शिविर लगा कर वरीयता क्रम में ऐच्छिक पोस्टिंग की गयी. लेकिन, कुछ शिक्षकों ने इसका अनुपालन नहीं किया और अपनी जगह पर यथावत बने रहे.