गया: नैली में कूड़ा फेंकने को लेकर उपजे विवाद में निगमकर्मियों व उनकी गाड़ियों पर हुए हमले में भू माफियाओं के संलिप्त होने की चर्चा है. मंगलवार को मामला निबट गया था, लेकिन बुधवार को लोग एक बार फिर उग्र हो गये. कूड़ा लेकर गयीं गाड़ियों पर हमला कर दिया और निगमकर्मियों के साथ मार-पीट की.
सूत्रों की मानें, तो नैली में नगर निगम का जो डंपिंग ग्राउंड है, उस पर कई भू माफियाओं की नजर है. निगम कुछ दिन पहले तक इस जमीन को लेकर फिक्रमंद नहीं था, लेकिन हाल कि दिनों में उसने घेराबंदी करानी शुरू कर दी है. भू माफिया इसे अपने लिए नुकसान मान रहे हैं.
उन्हें पता है कि बाउंड्री हो जाने से वह इस जमीन का सौदा नहीं कर पायेंगे. निगम कर्मचारी मान रहे हैं कि बुधवार की जो घटना हुई, वह सोची-समझी एक साजिश थी. भू माफियाओं ने गांव के लोगों को भड़का कर सड़क जाम करवाया, इसके बाद उन लोगों ने निगमकर्मियों पर हमला कर दिया. हालांकि, निगम इस मामले की जांच करवाने में जुटा है. साथ ही, जमीन की मापी कराने की भी तैयारी हो रही है.
कूड़ा गिराने का क्यों हुआ विरोध ?
नैली स्थित नगर निगम के डंपिंग ग्राउंड (जोन) में कूड़ा गिराने के लिए गाड़ियों को आजादबिगहा से होकर जाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि अक्सर कचरा गांव के ही पास गिरा दिया जाता है. इससे काफी बदबू आती है. लोगों की मानें, तो गांव में इससे डायरिया भी फैल चुका है. गांव के ही निवासी रामजी मांझी की सात वर्षीय बेटी की मौत कुछ दिन पहले हुई है. लोगों का कहना है कि उसकी मौत डायरिया की वजह से हुई. गांव में कई और बच्चे भी डायरिया से पीड़ित हैं. गांववालों का कहना है कि नगर निगम अपनी जमीन पर कूड़ा गिराये, इससे उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, निगम अपनी जमीन में ही सीमित रहे. मंगलवार को इसीलिए विरोध किया गया था. लेकिन, कूड़ा लेकर आया गाड़ी का ड्राइवर नहीं माना. इसी बात को लेकर बुधवार को भी लोगों ने हंगामा किया. लेकिन, मामला बढ़ गया. हालांकि, घटना के बाद आजादबिगहा के भी लोगों में खौफ है. कुछ लोगों का कहना है कि निगम के कर्मचारियों पर हमले में वे शामिल नहीं थे. उनका कहना है कि इसमें कुछ असामाजिक तत्वों का हाथ है.