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होटल मैनेजमेंट में नामांकन पर संशय

बोधगया: ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में पर्यटन भी एक उद्योग का दर्जा हासिल करने की दिशा में अग्रसर है. देश-दुनिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार से लेकर निजी सेक्टर भी प्रयासरत हैं. बहरहाल, केंद्र व सभी राज्य सरकारों द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक स्थलों के ढाचागत […]

बोधगया: ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में पर्यटन भी एक उद्योग का दर्जा हासिल करने की दिशा में अग्रसर है. देश-दुनिया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार से लेकर निजी सेक्टर भी प्रयासरत हैं. बहरहाल, केंद्र व सभी राज्य सरकारों द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक स्थलों के ढाचागत विकास, वहां के होटलों में सुविधाओं में वृद्धि समेत परिवहन व सुरक्षा को भी सुदृढ़ किया जा रहा है.
इसमें तकनीक व स्किल (कौशल) दोनों को लगाया जा रहा है. होटलों में ठहरने वाले लोगों को बेहतर सेवा के लिए भी प्रशिक्षित व स्किल्ड (कुशल) लोगों की मांग अधिक है, लेकिन प्रशिक्षित लोगों की कमी को दूर करने के लिए कोई सार्थक प्रयास होता नहीं दिख रहा है. होटल सेक्टर में बेहतर सेवा देने के लिए खोले प्रशिक्षण संस्थानों के प्रति बरती जा रही उदासीनता कहीं न कहीं पर्यटन व्यवसाय को ही नुकसान ही पहुंचा रही है.
राजभवन से नहीं मिली स्वीकृति : मगध विश्वविद्यालय कैंपस में 2007 में होटल हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट संस्थान खोला गया था. शुरुआती दौर में 28 युवाओं ने चार वर्षीय कोर्स में नामांकन कराया, जो 2011 में संस्थान से पासआउट होकर कई होटलों में नौकरी पकड़ी. इसके बाद सत्र 2008-12 में 14 छात्र-छात्राएं, 2009-13 में 35 और 2010-14 में 12 युवाओं ने नामांकन कराया.
सत्र 2011-15 में 10 युवाओं ने नामांकन कराया, जिनकी फाइनल परीक्षा अक्तूबर में होगी. लेकिन, पिछले दो सत्रों (2012 व 2013) से संस्थान में नामांकन बंद है. इसके लिए बनाये गये रेगुलेशन एंड ऑर्डिनेंस को राज्यपाल सचिवालय से स्वीकृति नहीं मिली है, जबकि अन्य वोकेशनल कोर्सो की तरह होटल मैनेजमेंट संस्थान में भी इस बार नामांकन की स्वीकृति मिलने की उम्मीद थी. इस कारण संस्थान में अब तक नामांकन शुरू नहीं हुआ है.
विदेशों में भी काम कर रहे संस्थान के स्टूडेंट्स
एमयू स्थित होटल हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट संस्थान से पासआउट स्टूडेंट्स देश-विदेश के थ्री व फाइव स्टार होटलों में काम कर रहे हैं. संस्थान की मानें, तो यहां के छात्र थाइलैंड, मलेशिया, आबूधाबी, दुबई, दोहा व सऊदी अरब के भी बड़े होटलों में नौकरी कर रहे हैं. कई युवा तो बोधगया स्थित कई अच्छे होटलों में भी नौकरी कर रहे हैं. संस्थान के फैकल्टी नीरज राज ने बताया कि पर्यटन के बढ़ते दायरे के मद्देनजर होटल सेक्टर में जॉब की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि होटल मैनेजमेंट कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स की काफी डिमांड होटलों के अलावा आइआरसीटीसी (रेलवे), विमानन कंपनियों, भारतीय सेना व कॉरपोरेट सेक्टरों के क्लबों आदि मे भी है.
स्वीकृति लेने का प्रयास
रेगुलेशन एंड ऑर्डिनेंस को राज्यपाल सचिवालय से स्वीकृति प्राप्त करने का प्रयास जारी है व उम्मीद है कि जल्द ही स्वीकृति मिलने के बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू करा दी जायेगी.
डॉ विद्या सिंह, निदेशक, होटल हॉस्पिटलिटी एंड टूरिज्म मैनेजमेंट

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