सीकू के दादा कभी खुद को संभालते, तो कभी सीकू के पिता व अन्य बच्चों को समझाते. सीकू का छोटा भाई हिमांशु नारायण, जो गांधी इंटर के 10वीं का छात्र है, की तबीयत भाई के साथ हुए हादसे के बाद से ही खराब. सीकू की दोनों बहनें प्रज्ञा व हेमलता कभी अपने छोटे भाई, तो कभी दादी को संभाल रही थी.
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मातम में डूबा मुड़ेरा गांव
कोंच: पटना के रूबन हॉस्पिटल में तीन दिनों तक जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ने के बाद बुधवार की सुबह कोंच थाना क्षेत्र के मुड़ेरा गांव के रहनेवाले अमरेंद्र शर्मा के बेटे श्यामनारायण उर्फ सीकू राज ने दम तोड़ दिया. बुधवार की शाम गांव में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया. दादा-दादी की हालत काफी […]
कोंच: पटना के रूबन हॉस्पिटल में तीन दिनों तक जिंदगी व मौत की लड़ाई लड़ने के बाद बुधवार की सुबह कोंच थाना क्षेत्र के मुड़ेरा गांव के रहनेवाले अमरेंद्र शर्मा के बेटे श्यामनारायण उर्फ सीकू राज ने दम तोड़ दिया. बुधवार की शाम गांव में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया.
दादा-दादी की हालत काफी खराब: सीकू का शव पहुंचते ही उसके परिजनों की चीख-पुकार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. हमर बबुआ के का हो गेलक्ष्, जे कभी कोई से बढ़िया से बोलअ न हलक्ष्, उकरा काहे मारकई इतना, उकरा बदले हमरा मार देतई हल, यह कह कर बार-बार बेसुध हो रही सीकू की 80 वर्षीय दादी लालमणि देवी की आवाज वहां मौजूद लोगों को भी मर्माहत कर रहा था. कुछ महिलाएं उन्हें संभाल रही थीं. बगल मे बैठे सीकू के दादा माहेश्वरी सिंह भी उसकी दादी को ढाढ़स बंधा रहे थे. लेकिन, बीच में वह खुद रोने लगते. गांव के लोग उन्हें समझाने का प्रयास करते.
सीकू को दे रहे थे शहीद का दर्जा : मुड़ेरा गांव में हर चौक-चौराहे पर लोग सीकू के साथ हुई बर्बरता की चर्चा करते दिखे. लोग उसे शहीद का दर्जा दे रहे थे. हर कोई सीकू के व्यवहार व आचरण की प्रशंसा कर रहा था. लोगों का कहना था कि जो बच्च गांव-जवार के किसी भी व्यक्ति के साथ तेज आवाज में बात तक नहीं करता था, उसको पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटा जाना समझ से परे है. अब हर अभिभावक अपने बच्चों को किसी भी तरह की बहाली में भेजने से पहले कई बार सोचेंगे. चंद्रशेखर शर्मा, राकेश कुमार, जितेंद्र शर्मा व रंगेश कुमार आदि ने किशनगंज के एपी के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब घायल सीकू स्थानीय थाने पहुंचा, तो पुलिस ने उसकी हिफाजत क्यों नहीं की? यह संदेहास्पद है. गांव के लोग इस घटना के लिए बीएसएफ के जवानों को दोषी मान रहे हैं. साथ ही, किशनगंज पुलिस को कर्तव्यहीन मानते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
शोक में बंद रहा सीकू का स्कूल : सीकू की याद में गांव का विद्यालय बंद रहा. सीकू ने गांव के विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की थी. इसके बाद कोंच के गांधी इंटर उच्च विद्यालय से 10वीं व इंटर पास किया. महेश सिंह यादव कॉलेज से गणित विषय में ग्रेजुएशन किया और पिछले चार वर्षो से पटना में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. बहन प्रज्ञा ने बताया कि किशनगंज से पहले उसके भाई पहले बनारस और मेरठ की बहाली में शामिल हो चुके थे, जहां स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के कारण मात्र दो नंबरों से उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया था.
लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश : आखिरकार तीन दिनों से पटना के रूबन हॉस्पिटल में जीवन और मौत से लड़ाई लड़ रहे कोंच थाने के मुडेरा गांव का श्यामनारायण उर्फ सिक्कु ने आखिरकार मौत के आगे घुटना टेक ही दिया. बुधवार की शाम गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया. इसमें स्थानीय विधायक डॉ अनिल कुमार, भाजपा नेता राजीव कुमार पिंटू, मिथिलेश पाठक सहित अन्य हजारों की संख्या में लोग शामिल थे. जानकारी के अनुसार, श्यामनारायण का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही लोगों की हुजूम जमा हो गया. सभी लोग उसकी एक झलक देखने को बेताब थे. अंतिम संस्कार करने के पूर्व मानपुर के महंत द्वारा सिक्कु का हल्दी का रस्म कर जनेउ प्रदान किया गया. उसके बाद वैदिक मंत्रोच्चर के साथ गांव के श्मशान घाट पर नम आंखों के साथ दाह संस्कार किया गया. वहां उपस्थित हर व्यक्ति के आंखों में पुलिस के प्रति आक्रोश साफ देखा जा रहा था.
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