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गया जेल में बंद नवादा के कैदी की मौत, हंगामा

गया : गया स्थित सेंट्रल जेल में बंद 83 वर्षीय नंदलाल साव की सोमवार को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. वह नवादा जिले के गोविंदपुर के रहनेवाले थे. कैदी की मौत की खबर के बाद जेल में बंद कैदियों ने जम कर नारेबाजी की और थालियां पीट-पीट कर जेल […]

गया : गया स्थित सेंट्रल जेल में बंद 83 वर्षीय नंदलाल साव की सोमवार को मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. वह नवादा जिले के गोविंदपुर के रहनेवाले थे.

कैदी की मौत की खबर के बाद जेल में बंद कैदियों ने जम कर नारेबाजी की और थालियां पीट-पीट कर जेल प्रशासन के प्रति विरोध जताया. साथ ही, जेल में चिकित्सीय व्यवस्था को दुरुस्त करने व जेल डॉक्टर को बदलने की मांग की. घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीओ मकसूद आलम, डीएसपी (विधि-व्यवस्था) सतीश कुमार व रामपुर इंस्पेक्टर गौरीशंकर गुप्ता सहित कई अधिकारी जेल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. अधिकारियों ने कैदियों से बातचीत की और उन्हें शांत कराया. सदर एसडीओ व डीएसपी ने जेलर रामाधार सिंह से घटना से संबंधित पूछताछ की और मरनेवाले कैदी के परिजनों से संपर्क साधने के लिए नवादा जेल व पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया.

मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुआ पोस्टमार्टम : डीएम के आदेश पर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कैदी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया. वीडियोग्राफी भी करायी गयी. जेलर रामाधार सिंह ने बताया कि मारपीट के मामले को लेकर नंदलाल साव व उनके बेटे महेश साव को नवादा जेल से स्थानांतरित कर तीन अप्रैल को गया जेल में लाया गया था. बाप-बेटे को नवादा कोर्ट द्वारा धारा 323, 325, 341 व 34 आइपीसी के तहत दो वर्ष की सजा दी गयी थी.

साथ ही, पांच हजार रुपये का जुर्माना किया गया था. जुर्माना नहीं भरने पर तीन माह की और सजा काटनी पड़ती. जेलर ने बताया कि नंदलाल साव डायबिटिज से ग्रसित थे. वह लगातार दवाओं का सेवन कर रहे थे. सोमवार की सुबह आठ बजे नंदलाल साव ने स्नान किया और इसके बाद उन्हें हर्ट अटैक हुआ. उन्हें जेल में ही डॉक्टर से दिखाया गया. डॉक्टरों द्वारा रेफर करने पर उन्हें मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरती कराया गया. लेकिन, इलाज के दौरान करीब 9:20 बजे उनकी मौत हो गयी. जेलर ने बताया कि मरनेवाले कैदी के परिजन नवादा से गया आ गये हैं. अगर वे शव को साथ ले जाना चाहेंगे, तो शव उन्हें सौंप दिया जायेगा. अन्यथा, सरकारी खर्च पर कैदी के शव का दाह संस्कार गया में ही कर दिया जायेगा.

जेल आने के 18वें दिन ही गयी जान

तीन अप्रैल को नंदलाल साव व उनके बेटे महेश साव को गया जेल में लाया गया था. नंदलाल साव की तबीयत ठीक नहीं रहने के कारण उन्हें तीन अप्रैल से ही जेल के अस्पताल में भरती किया गया था.

उनकी देखरेख के लिए उनके बेटे को जेल अस्पताल में साथ रखा गया था. उधर, रामपुर इंस्पेक्टर गौरीशंकर गुप्ता ने बताया कि कैदी की मौत मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई है. इस घटना को लेकर परिजनों का बयान मगध मेडिकल थाने की पुलिस लेगी और उस बयान की कॉपी रामपुर थाने आने के बाद शिकायत दर्ज कर ली जायेगी.

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