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दूसरे जिलों में भी फेंकी जा रहीं गया की दवाएं
गया/खिजरसराय: गया में फल्गु नदी पर बने रहे सिक्स लेन पुल के डायवर्सन के पूर्वी छोर पर फेंकी मिली दवाओं की गुत्थी सुलझी भी नहीं थी कि जहानाबाद में भी ऐसी ही दवाएं मिल गयीं. गौहरपुर के पास फल्गु के ही किनारे. प्राथमिक तौर पर जांच में स्पष्ट है कि ये दवाएं भी गया सर्जेसी […]
गया/खिजरसराय: गया में फल्गु नदी पर बने रहे सिक्स लेन पुल के डायवर्सन के पूर्वी छोर पर फेंकी मिली दवाओं की गुत्थी सुलझी भी नहीं थी कि जहानाबाद में भी ऐसी ही दवाएं मिल गयीं. गौहरपुर के पास फल्गु के ही किनारे. प्राथमिक तौर पर जांच में स्पष्ट है कि ये दवाएं भी गया सर्जेसी की ही हैं. उधर, फिर से नदी के किनारे बड़ी मात्र में फेंकी हुई दवाएं मिलने से नये सवाल उठ रहे हैं. आशंका है कि गया के सर्जेसी की सरकारी दवाएं पड़ोसी जिलों में भी ले जाकर जहां-तहां फेंकी गयीं, ताकि मामला पकड़ में न आये. हालांकि, इस मामले में जांच शुरू हो गयी है, पर असली दोषी कौन है, यह अभी स्पष्ट नहीं है.
जहानाबाद के गौहरपुर में भी सोमवार को नदी किनारे 40 हजार से ज्यादा आइएफए (आयरन फोलिक एसिड) टैबलेट, पारासिटामोल सिरप व इंजेक्शन नदी फेंके हुए पाये गये थे. सिविल सजर्न डॉ अरविंद कुमार के निर्देश पर खिजरसराय पीएचसी के प्रभारी डॉ भोला भाई ने दवाएं उठवायीं. जांच में सभी दवाएं गया जिले की पायी गयी हैं. डॉ भोला भाई के अनुसार, ये दवाएं बाल विकास परियोजना, खिजरसराय को मिली थीं. बांटने के लिए. यह भी पता चला है कि इनमें से कुछ दवाएं खिजरसराय पीएचसी से उपलब्ध करायी गयी थीं. डॉ भोला भाई ने यह भी बताया कि तीन जनवरी, 2014 को उनके यहां से आइएफए के 5,60,000 टैबलेट आंगनबाड़ी के लिए सीडीपीओ को मुहैया करायी गयी थीं.आइएफए टेबलेट एनिमिया दूर करने की दवा है.
सिविल सजर्न कार्यालय से मिली जानकारी में बताया गया है कि गौहरपुर में नदी मिलीं दवाओं में ज्यादातर तीन जनवरी, 2014 को बाल विकास परियोजना, खिजरसराय को सौंपी गयी थीं. कुछ दवाएं 2012 में दी गयी थीं. अब, जब दवाओं की बड़ी खेप मिली है, तो इस संबंध में आइसीडीएस के डीपीओ व सीडीपीओ को पत्र लिखा जा रहा है. अब यह डीपीओ व सीडीपीओ की जिम्मेवारी होगी कि वे पता लगायें कि किस आंगनबाड़ी केंद्र ने दवाओं की यह दुर्गति की है?
गौरतलब है कि रविवार की शाम गया-मानपुर के बीच फल्गु में डायवर्सन के पूर्वी छोर पर ढेर सारी एलोपैथिक दवाइयां लावारिश हालत में फेंकी मिली थीं. इनकी सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी और अधिकारी-कर्मचारी एक्शन में आये. अब मानपुर, खिजरसराय व वजीरगंज पीएचसी के का स्टॉक पंजी खंगाला जा रहा है. ताकि पता लगाया जा सके कि फेंकी गयी दवाइयां किस अस्पताल की है.
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