गया: आखिरकार लंबे समय बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रतिभा कुमारी की तंद्रा टूटी है. उन्होंने मारवाड़ी प्लस टू स्कूल में कामकाज की जांच का आदेश दिया है. जांच की जिम्मेवारी कार्यक्रम पदाधिकारी अरुण मिश्र को सौंपी गयी है. वैसे, जांच के लिए कोई तय बिंदु नहीं होने के साथ-साथ जांच रिपोर्ट देने की कोई समय-सीमा भी तय नहीं की गयी है.
जांच पदाधिकारी को भेजे पत्र के साथ डीइओ महोदया की तरफ से सिर्फ हाल के दिनों में ‘प्रभात खबर’ में छपी कुछ खबरों की छाया प्रतियां संलग्न हैं.
मारवाड़ी प्लस टू स्कूल में छात्र-छात्रओं की औसत उपस्थिति काफी कम रहती है. इसकी पुष्टि ‘प्रभात खबर’ ने ‘नामांकन भरपूर, हाजिरी नगण्य’ शीर्षक से छपी अपनी एक लाइव रिपोर्ट में की थी. इसके बाद इंटरमीडिएट की टेस्ट परीक्षा के दौरान 12 नवंबर को मात्र 54 विद्यार्थी ही परीक्षा देते मिले थे, यहां जबकि पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या 117 बतायी गयी थी. बाद में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से इंटरमीडिएट फाइनल परीक्षा के लिए जो परीक्षा प्रवेश पत्र भेजे गये, उनकी संख्या 128 हो गयी. इसे भी ‘प्रभात खबर’ ने 18 फरवरी के अंक में ‘सवालों के घेरे में संख्या’ शीर्षक से छापा था.
हालांकि बार-बार खबर छपने के बाद भी गड़बड़ियों का संज्ञान नहीं लिया गया. अलबत्ता पूछने पर हर बार जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) प्रतिभा कुमारी ने गोल-मटोल जवाब दिया. वही जवाब, जो किसी मामले से तत्काल पल्ला झाड़ने के लिए कमोबेश हर अधिकारी दिया करते हैं. यह कि मामले की जांच करायी जायेगी. शिकायतों की पुष्टि हुई, तो कार्रवाई भी होगी. लेकिन, जांच टलती रही. अब, जब इतने दिनों बाद जांच का आदेश दिया भी गया है, तो वह भी आधा-अधूरा. आदेश में न तो जांच का विषय वस्तु स्पष्ट है और ना ही इसकी कोई समय-सीमा तय की गयी है. डीइओ कार्यालय के ही एक कर्मचारी ने इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस अंदाज में जांच का आदेश दिया गया है, उसी से समझ लीजिए कि जांच के प्रति अधिकारियों का रवैया क्या है.