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कुछ याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर ना आये..
गया: ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए उनकी जरा याद करो कुरबानी ..’ शुक्रवार की शाम जेल रोड स्थित सीआरपीएफ की 159 बटालियन के हेडक्वार्टर में इस गीत की धुन पर हर शहीद के परिजनों को सम्मानित किया जा रहा था. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद लगभग […]
गया: ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए उनकी जरा याद करो कुरबानी ..’ शुक्रवार की शाम जेल रोड स्थित सीआरपीएफ की 159 बटालियन के हेडक्वार्टर में इस गीत की धुन पर हर शहीद के परिजनों को सम्मानित किया जा रहा था. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद लगभग हर व्यक्ति की आंखें नम थीं. मौका था सीआरपीएफ की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘जरा याद करो कुरबानी’ का.
भाकपा-माओवादी नक्सली संगठन की गढ़ के रूप में चर्चित डुमरिया थाना क्षेत्र के छकरबंधा में वर्ष 2012 व 2014 में चलाये गये कांबिंग ऑपरेशन में शहीद हुए सीआरपीएफ के आठ जवानों के परिजनों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में अतिथि के तौर मगध प्रमंडल के आयुक्त आरके खंडेलवाल, डीएम संजय कुमार अग्रवाल, जहानाबाद सांसद अरुण कुमार व हंसराज पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर मनीष रूखैयार मौजूद थे. अतिथियों का स्वागत 159 बटालियन के कमांडेंट धीरज कुमार ने किया. डिप्टी कमांडेंट अरविंद त्रिपाठी ने कार्यक्रम के संचालन में सहयोग किया.
सभी शहीदों का बनेगा स्मारक : आइजी : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीआरपीएफ बिहार सेक्टर के आइजी अरुण कुमार ने कहा कि सभी शहीदों के गांवों में उनके स्मारक बनाये जायेंगे. स्मारकों की देखरेख की जिम्मेदारी उस जोन के सीआरपीएफ बटालियन की होगी. उन्होंने कहा कि वह पल बहुत ही भावुक होता है, जब हमलोग अपनों को श्रद्धांजलि देते हैं. भावनाओं को व्यक्त करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन हालात चाहे जो भी हों, सीआरपीएफ देश की सुरक्षा के लिए संघर्ष करता रहेगा. उन्होंने कहा कि हथियार के दम पर कभी भी सत्ता हासिल नहीं की जा सकती है. अगर कोई ऐसा कहता है, तो यह दिग्भ्रमित करनेवाली बात है. सीआरपीएफ ऐसे लोगों के खिलाफ हमेशा संघर्ष करती आयी है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन : गायिका पियाली मुखर्जी ने कार्यक्रम की शुरुआत ‘हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिये..,’ गीत के साथ थी. इसके बाद अश्विनी कुमार ने भी देशभक्ति गीत पेश किये. कार्यक्रम में साहित्यकार गोवर्धन प्रसाद सदय ने भी अपनी कविता सुनायी. वहीं, सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट अरविंद त्रिपाठी ने खुद की लिखी कविता,‘तिरंगे को देकर लहू और केसरिया बनाना चाहता हूं, मैं खुद को खुद में पाना चाहता हूं.’ सुनायी.
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