गया: पाकिस्तान की जेल में बंद में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की मौत से नाराज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की नगर इकाई के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को शहर के टावर चौक पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति का पूतला फूंका. सैकड़ों की संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं के पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की.
कार्यकर्ताओं ने भारत सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार को पूरी तरह से विफल बताया. इस मौके पर गया कॉलेज अध्यक्ष नितिन कुमार, मगध विश्वविद्यालय के संयुक्त सचिव राहुल कुमार, गया कॉलेज के उपाध्यक्ष दीपचंद गुप्ता, मुकेश कुमार, अमित कुमार, जितेंद्र कुमार, सुनील कुमार, गंधर्व मिश्र, अभिषेक मिश्र, सर्वेश दूबे, रुद्र प्रताप, देवेश, अजीत कुमार, शशिकांत, रोहित कुमार समेत अन्य मौजूद थे. दूसरी ओर, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चांद चौरा मोड़ पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज जलाया.
बजरंग दल के जिला प्रमुख प्रकाश कुमार गुप्ता ने कहा कि सरबजीत की मौत सामान्य नहीं, वह हत्या थी. यह काम पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के इशारे पर किया गया है. विहिप कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार को पूरी तरह से कायर करार दिया. इस दौरान बजरंग दल के महानगर सह संयोजक शशिकांत मिश्र, मणिलाल बारिक, राजीव नंदन, अनिल स्वामी, विनोद कुमार, सीमा सिन्हा, आशुतोष कुमार समेत अन्य मौजूद थे.
भाजपा ने भी दी श्रद्धांजलि
भाजपा की महानगर इकाई के नेताओं ने सरबजीत सिंह की मौत पर शुक्रवार को शोकसभा की. पार्टी नेताओं ने केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की है. शोकसभा में महानगर अध्यक्ष कंचन कुमार सिन्हा, उपाध्यक्ष विनय सिंह, सुरेंद्र कुमार राय, अशोक साहनी, निखत परवीन, द्वारिका प्रसाद, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद, संतोष ठाकुर, कोषाध्यक्ष मुन्ना लाल, फुलवंती देवी, राजनंदन प्रसाद गांधी, संतोष सिंह, डॉ जेड खान, अमरनाथ आदि शामिल थे. उधर, मगध विकास परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंह, सुनील कुमार सिन्हा, दीपक चंद्रवंशी, राजेंद्र गुप्ता, मुन्ना लाल पाठक, सुरेंद्र राय आदि ने भी एपी कॉलोनी में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की.
कैदियों ने भी जताया शोक
गया सेंट्रल जेल में सरबजीत के लिए शोकसभा का आयोजन किया गया. सरबजीत की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन कैदियों ने रखा. इस अवसर पर विचार गोष्ठी में लोगों ने सरबजीत को निदरेष बताया. शोकसभा में बंदी राजेंद्र दास, हिरदा सिंह कुर्मी, चुलबुल सिंह, सुभाष सिंह, सत्येंद्र दास, दिलीप दास, मरांडी दास, मंटू विंद सहित सैकड़ों बंदी उपस्थिति थे.