गया: राज्य सरकार की ओर से नगर निकाय क्षेत्रों में मांस-मछली की दुकानों पर अंकुश लगाने के मिले निर्देश के बाद गया नगर निगम भी हरकत में आ गया है. निगम एक नियमावली बना कर शहर में मांस-मछली की दुकानों पर नकेल कसने की तैयार कर रहा है. नगर विकास विभाग ने एक दिसंबर 2014 को ही सभी नगर निकायों को पत्र जारी कर पशु मांस बेचनेवाले दुकानों पर अंकुश लगाने के लिए एक नियमावली तैयार करने को कहा था.
आदेश के बाद नगर निगम ने भी नियमावली तैयार कर लिया है. विगत सात जनवरी को हुई बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी भी दे दी गयी है. जल्द ही इस नियमावली को विभाग के पास भेजी जायेगी, ताकि विभाग इसे अपनी नियमावली में शामिल कर सख्ती से इसका पालन करा सके.
कई शर्तो के साथ तैयार हुई नियमावली : जानकारी के अनुसार, नगर निगम की नियमावली में कई शर्तो को शामिल किया गया है. इनके प्रभाव में आते ही पशु मांस बेचनेवाले सभी दुकानदारों को अपने व्यवसाय से संबंधित जानकारी निगम को उपलब्ध करानी होगी. ऐसा नहीं करनेवाले दुकानदारों से निगम 2000 रुपये का आर्थिक दंड वसूलेगा. दुकान सील भी की जा सकती है. नयी नियमावली के अनुसार नये लाइसेंस लेनेवालों को दो हजार रुपये का शुल्क जमा करना होगा. बीपीएल सूची में लोगों को शुल्क में रियायत दी जायेगी. नया लाइसेंस नहीं लेनेवालों पर सख्ती करने के लिए निगम निबंधन शुल्क के साथ-साथ 300 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से दंड भी वसूलेगा.