प्रतिनिधि, मोहनिया (कैमूर)जिन गरीबों के लिए मनरेगा योजना बनी, वह काम कर पैसे के लिए एक दो माह से नहीं, बल्कि आठ माह से दौड़ लगा रहे हैं. यह हाल है मोहनिया अनुमंडल क्षेत्र में मनरेगा योजना का है. गरीबों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर पलायन रोकने व उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में यह योजना कारगर नहीं दिख रही. पलायन को मजबूर मनरेगा मजदूरयोजना में काम कर मजदूरी के लिए भटक रहे मजदूरों के सामने अब पलायन के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है. वहीं, अधिकारी आवंटन की कमी की व्यथा सुना कर उत्तरदायित्व से किनारा काट रहे हैं. ऐसी बात नहीं है कि यह समस्या अनुमंडल के किसी एक दो प्रखंड या कुछ पंचायतों में है, बल्कि सभी प्रखंड व पंचायत इसका खामियाजा भुगत रहे हैं. मजदूरी के लिए भटक रहे मजदूरों की संख्या हजारों में है और बकाया राशि लाखों में. अनुमंडल के अधिकतर पंचायत ऐसे हैं, जहां सात से आठ माह से राशि नहीं भेजी गयी है. क्या कहते हैं मजदूरप्रखंड के रवींद्र राम, राम सकल राम व बूटन साह सहित कई मजदूरों ने बताया कि मजदूरी नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है. घर कैसे चलाये सबसे बड़ी चिंता है. क्या कहते हैं जिलाधिकारी जिलाधिकारी प्रभाकर झा ने बताया कि यह योजना केंद्र प्रायोजित है. आवंटन नहीं आने से मजदूरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है. आवंटन की मांग की गयी है. इसके लिए पहल की जा रही है. राज्य सरकार भी पहल कर रही है. जैसे ही केंद्र सरकार द्वारा राज्य को राशि मुहैया करायी जायेगी मजदूरों को राशि मुहैया कर दी जायेगी.
सिस्टम के पेच में मनरेगा
प्रतिनिधि, मोहनिया (कैमूर)जिन गरीबों के लिए मनरेगा योजना बनी, वह काम कर पैसे के लिए एक दो माह से नहीं, बल्कि आठ माह से दौड़ लगा रहे हैं. यह हाल है मोहनिया अनुमंडल क्षेत्र में मनरेगा योजना का है. गरीबों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देकर पलायन रोकने व उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने में यह […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement