बोधगया: मगध विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अराजकता का आरोप लगाते हुए छात्र संघ के अध्यक्ष व सचिव ने कहा कि उतर भारत का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय होने के बावजूद मगध विवि सिर्फ उच्च शिक्षा का डिग्री प्राप्त करने का केंद्र बना हुआ है.
मगध विश्वविद्यालय छात्र संघ (सेंट्रल पैनल) के अध्यक्ष रामनंदन कुमार व सचिव दीपक कुमार ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में कहा कि छात्र संघ द्वारा विद्यार्थियों की समस्याओं से विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार अवगत कराया जा चुका है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों छात्रवासों में मूलभूत सुविधा बहाल करने का भरोसा दिया गया था, लेकिन नहीं हो सका. छात्रों ने पटना स्थित शाखा कार्यालय को औचित्यहीन बताते हुए कहा कि सिर्फ कर्मचारियों के वेतन देने का काम हो रहा है, जबकि छात्रों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है.
मगध विवि के इंजीनियरिंग शाखा पर हमला बोलते हुए संघ के पदाधिकारियों ने कहा की शाखा द्वारा कराये जा रहे कार्यो की जांच की जानी चाहिए. उन्होंने शैक्षणिक सुधार के लिए कुलपति को एक मांग पत्र भी सौंपा है. इसमें कॉलेजों में डिग्री भेजे जाने, शैक्षणिक कैलेंडर जारी करने, स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की मांग शामिल है.
संघ ने विश्वविद्यालय सहित सभी कॉलेजों में प्रयोगशाला को ठीक करने, पुस्तकालयों में कोर्स की किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित करने व समाचार पत्रों को उपलब्ध कराने की मांग की गयी है. छात्र संघ के पदाधिकारियों ने विभिन्न 36 मांगों पर अगले 10 दिनों में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन करने व राजभवन तक मार्च करने की चेतावनी दी है. इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर छात्र संघ के सचिव आभा कुमारी भी मौजूद थीं.