गया: बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूबी) के सामाजिक विज्ञान व नीति विद्यालय के समाजशास्त्र अध्ययन केंद्र में एक विचार गोष्ठी सह परिचर्चा का आयोजन शनिवार को किया गया. परिचर्चा का विषय था ‘21वीं शताब्दी में भारतीय समाज: विकास व परिवर्तन’. परिचर्चा दो सत्रों में हुई.
पहले सत्र में परिचर्चा समूह का विषय भारतीय समाज नियमितता व परिवर्तन था, जिसकी अध्यक्षता शैक्षणिक समन्वयक डॉ कौशल किशोर ने किया. इस पैनल के मुख्य वक्ताओं में डॉ प्रणव कुमार, डॉ योगेश प्रताप शेखर, डॉ ब्यूटी यादव, डॉ प्रशांत कुमार व डॉ हरेश नारायण पांडेय थे. वक्ताओं ने अपने विचारों को बहुत ही संगत मुद्दे जैसे बहुलवाद, स्थानीय व क्षेत्रीय संस्कृति, भाषा व ज्ञान की रचना, वैश्वीकरण के युग में उपभोक्ता संस्कृति का प्रसार व ग्रामीण भारत के संदर्भ में रागदरबारी की उपयोगिता विषय पर प्रस्तुत किया.
दूसरे सत्र के परिचर्चा का विषय भारतीय समाज में समकालीन मुद्दे व चुनौतियां थीं. इस सत्र की अध्यक्षता डॉ प्रणव कुमार ने की. समकालीन मुद्दों जैसे नागरिक समाज, कानून व विकास, जनजातीय जीवन व इसकी चुनौतियां, विकास में अंगरेजी भाषा की भूमिका, जनजातीय समूह व इनकी संस्कृति व समाज के उच्चस्तरीय समूहों की सामाजिक विज्ञान में प्रधानता पर विचार प्रस्तुत किये गये. इसमें डॉ सुमित पाठक, डॉ पीके दास, डॉ ए गौतम, डॉ अनुज लुगून, डॉ जितेंद्र राम व डॉ सुरेश कुरापति ने विचार व्यक्त किये.