बोधगया: मगध विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के मेजबानी में आयोजित दो दिवसीय सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम ऑन जिओ स्पेशल तकनीक का शुक्रवार को समापन हो गया.
कार्यक्रम के दूसरे दिन तकनीकी सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय व जामिया मिलिया इसलामिया से आये भूगोल के शिक्षकों ने मौजूद साधनसेवियों को जिओ तकनीक का उपयोग नये-नये क्षेत्रों में जन कल्याण के लिए करने को प्रेरित किया.
डॉ मसूद ए सिद्दीकी ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल विभिन्न विश्वविद्यालयों के साधनसेवी सिर्फ कार्यक्रम के दौरान बताये गये बातों को अपने तक सीमित नहीं रखे, बल्कि इसे अपने-अपने कॉलेजों के विद्यार्थियों के बीच भी आदान-प्रदान करें. कार्यक्रम में डॉ भूप सिंह, डॉ हारून सज्जाद, डॉ लुबना सिद्दीकी, डॉ अतिकूर रहमान, डॉ एल मिराना देवी व अरुणा पारचा ने संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि जिओ स्पेशल तकनीक के माध्यम से उपकरणों की उपलब्धता के बूते नये क्षेत्र की तलाश करें व उसे कल्याणकारी शोध के रूप में ढालें.
साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, भारत सरकार के वैज्ञानिक डॉ एके सिंह ने शोध के विद्यार्थियों को शोध के प्रपोजल को भरने के तरीके बताये व कहा कि इस कार्यक्रम को सफल तभी माना जायेगा जब ज्यादा-से-ज्यादा विद्यार्थी नये व गुणवत्तापूर्ण शोधों के प्रपोजल को विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार को भेजेंगे. समापन समारोह की अध्यक्षता विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रो एचपी सिंह ने किया. स्वागत भाषण पीजी भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो अशोक कुमार सिन्हा ने दिया. वहीं, धन्यवाद ज्ञापन भूगोल के शिक्षक प्रो वीरेंद्र कुमार ने किया. कार्यक्रम के समापन पर चयनित 20 साधनसेवियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किये गये. डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नयी दिल्ली के दी नेचुरल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम में मंच का संचालन शिक्षा विभाग के शिक्षक डॉ धनंजय धीरज ने किया.