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9.50 लाख की धोखाधड़ी में फसेंगे बैंक अधिकारी !

गया: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की धामीटोला शाखा के अधिकारी से धोखाधड़ी कर 14 अक्तूबर को एक चेक के जरिये 9.50 लाख रुपये की निकासी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद अब कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. चेक से जिस दिन रुपये की […]

गया: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की धामीटोला शाखा के अधिकारी से धोखाधड़ी कर 14 अक्तूबर को एक चेक के जरिये 9.50 लाख रुपये की निकासी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.

घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद अब कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. चेक से जिस दिन रुपये की निकासी हुई, उसके कुछ ही घंटे पहले धोखाधड़ी करनेवाले युवक ने अपने आप को विकास कुमार बता कर एक बैंक अधिकारी से चेक बुक रिसीव किया था. इसके बाद खाते का बैलेंस जानने के लिए युवक ने काफी देर तक हंगामा किया था. इसके बाद युवक ने उसी चेक बुक से 9.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की. अब सवाल है कि बैंक में काफी देर तक हंगामा करने के बावजूद किसी बैंक अधिकारी ने उसके बैंक खाते से संबंधित रेकॉर्ड में लगे फोटो से उसकी पहचान क्यों नहीं की? इससे स्पष्ट है कि चेक के माध्यम से रुपये का भुगतान करने में बैंक अधिकारियों द्वारा अपनायी जानेवाली प्रक्रियाओं में लापरवाही बरती गयी. ऐसे अधिकारी जांच में फंस सकते हैं.

सकते में पड़े विकास व उनके परिजन : धोखाधड़ी के मामले में कोतवाली थाने के केपी रोड में कपड़ों के कारोबार से जुड़े व्यवसायी परमानंद के बेटे विकास कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने की खबर शुक्रवार को मंडी में फैलते ही विकास व उसके परिजन अचंभित हैं. करीब ढाई वर्ष पहले विकास ने यह खाता खोला था, तब से अबतक इस खाते से कभी विकास ने स्वयं रुपयों की निकासी नहीं की. वह सिर्फ चेक के माध्यम से ही व्यवसाय करता रहा. उसके खाता संख्या-0179005500531053 में 14 अक्तूबर को सिर्फ 22 हजार रुपये थे, तो फिर उस खाते से 9.50 लाख रुपये की निकासी कैसे हो गयी?

पटना के अधिकारी ने खंगाले रेकॉर्ड : पीएनबी से धोखाधड़ी करनेवाले युवक ने रुपये की निकासी करने के कुछ ही घंटे पहले बैंक के एक अधिकारी को अपना परिचय केपी रोड के रहनेवाले विकास कुमार के रूप में दिया और खाता-0179005500531053 के नाम से चेक बुक की डिमांड की. बैंक अधिकारी ने अपनी फाइल खंगाली. उन्होंने पाया कि विकास कुमार के नाम से चेक बुक आया है. अधिकारी ने युवक से एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराया. उस दौरान युवक ने रजिस्टर पर हिंदी में विकास कुमार के नाम का हस्ताक्षर किया. बैंक अधिकारी ने उसे चेक बुक दे दिया. इधर, शुक्रवार को पटना से आये एक वरीय अधिकारी ने जांच की.

हस्ताक्षर में भी किया फर्जीवाड़ा

बैंक से चेक बुक रिसीव करने के बाद उसी चेक के जरिये युवक ने धोखाधड़ी कर 9.50 रुपये की निकासी की. लेकिन, युवक ने चेक बुक का रिसीव करने व रुपये की निकासी करने के दौरान खातेदार का हस्ताक्षर करने में भी फर्जीवाड़ा किया. युवक ने चेक बुक रिसीव करने के पहले हिंदी भाषा में रिसीविंग रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया. लेकिन, रुपये की निकासी जिस चेक से की गयी है, उस पर अंगरेजी भाषा में विकास कुमार के नाम का हस्ताक्षर है.

विकास व उनके पिता के सवाल से घिर सकते हैं बैंक अधिकारी

विकास ने बताया कि 17 सितंबर को उन्होंने बैंक में चेक बुक की डिमांड की थी. लेकिन, उन्हें अब तक चेक बुक नहीं दिया गया है. चेक बुक कब मिलेगा, इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गयी. उन्हें 14 अक्तूबर की शाम साढ़े छह बजे बैंक में बुलाया गया. उनसे चेक बुक व रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित पूछताछ की गयी. कई अधिकारियों ने बैंक रेकॉर्ड में लगे उनके हस्ताक्षर के मिलान के लिए कई बार हस्ताक्षर भी लिया. करीब ढाई वर्ष पहले खाता खोलने के दौरान उन्होंने हिंदी में हस्ताक्षर किया था. लेकिन, चेक बुक रिसीव करने के दौरान किया गया हस्ताक्षर उनसे मेल नहीं किया. सबसे आश्चर्य की स्थिति थी कि जिस चेक से रुपये की धोखाधड़ी की गयी, उस पर अंगरेजी में विकास कुमार का हस्ताक्षर किया हुआ है. विकास ने बताया कि उनके खाते में 14 अक्तूबर को भी 22 हजार रुपये थे और अब भी उसमें 22 हजार रुपये हैं. हमने चेक बुक भी रिसीव नहीं किया. उन्होंने बताया कि 14 अक्तूबर को करीब छह घंटे तक बैंक में बैठाये रखने के बाद अधिकारियों ने बैंक से घर जाने दिया. इस दौरान अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उस युवक का चेहरा निकाला, जिसने 9.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की. सीसीटीवी फुटेज में वह युवक क्लीन शेव, चश्मा व जरसी पहने नजर आ रहा है. इधर, विकास की मूंछ है. विकास ने बताया कि वह कभी जरसी व चश्मा नहीं पहनता है.

खाता खोलने के दौरान हिंदी में किया है हस्ताक्षर

केपी रोड के विकास कुमार ने पीएनबी की धामीटोला शाखा में खाता खुलवाया था. खाता खोलने के दौरान विकास ने हिंदी में हस्ताक्षर किया था. इस कारण हिंदी में हस्ताक्षर करने पर ही विकास के अकाउंट से रुपये की निकासी होती थी. लेकिन, जिस युवक ने अकाउंट से 9.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है, उसने अंगरेजी में चेक पर हस्ताक्षर कर निकासी की है. अब सवाल है कि युवक ने रुपये का भुगतान पाने के लिए बैंक अधिकारी के सामने चेक पेश किया होगा? लेकिन, उस बैंक अधिकारी ने गलत हस्ताक्षर पर पेमेंट की स्वीकृति कैसे दे दी?

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