* सुहागिन महिलाओं ने धूमधाम से मनाया वट सावित्री व्रत
गया : वट सावित्री पूजा के अवसर पर शनिवार को सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की. इस दौरान वट वृक्ष के पास सुहागिनों की काफी भीड़ रही. महिलाओं ने वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा कर उसमें कच्च धागा लपेट कर सुहागवती रहने के लिए पति का दीर्घायु होने की कामना की.
आचार्य नवीन चंद्र मिश्र वैदिक ने बताया कि वट वृक्ष की परिक्रमा महिलाएं अपनी इच्छा के अनुसार लौंग, इलायची, बादाम, मिश्री, फल आदि से 108 बार कर देती हैं. इसके बाद वृक्ष के नीचे सावित्री व सत्यवान की कथा आचार्यो द्वारा निष्ठापूर्वक सुनी. सुहाग की पिटारी दान में अपने आचार्य को भेंट किया.
आचार्य ने यजमानों के अटल सुहाग की कामना की. वट वृक्ष को वर के रूप में वरण करने के बाद गरमी के ताप से बचने के लिए पंखा झेलने रस्म अदायगी की. आचार्यो को श्रद्धापूर्वक भोजन कराया व भोज्य सामग्री भी दान की. महिलाएं अपने जुड़ा में वर का पता लगा कर रस्म अदायगी की.
श्री मिश्र के मुताबिक सावित्री ने अपने पति को पति व्रत धर्म के बल पर यमराज से प्राण वापस करायी थी, तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना के साथ से पूजा व सुहाग पिटारी दान करती आ रही हैं. बाद में घर पहुंच कर अपने पति को पंखा झेल कर तब अन्न-जल ग्रहण किया.