गया : पितृपक्ष के मौके पर सनातन धर्मावलंबी यहां अपने पितरों का श्राद्ध करने गयाजी आते हैं और फल्गु नदी में पिंडदान करते हैं. उसी फल्गु में मनसरवा नाले का गंदा पानी गिरता रहता है. ऐसा नहीं है कि नाले के पानी को फल्गु में जाने से रोकने का प्रयास नहीं किया गया, लेकिन यह सारे प्रयास नाकाफी थे.
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सीएम के आदेश की अनदेखी, नहीं रुका फल्गु में नाले का पानी
गया : पितृपक्ष के मौके पर सनातन धर्मावलंबी यहां अपने पितरों का श्राद्ध करने गयाजी आते हैं और फल्गु नदी में पिंडदान करते हैं. उसी फल्गु में मनसरवा नाले का गंदा पानी गिरता रहता है. ऐसा नहीं है कि नाले के पानी को फल्गु में जाने से रोकने का प्रयास नहीं किया गया, लेकिन यह […]
प्रशासन ने नाले के पानी को रोकने के लिए अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर दिये. लेकिन, फल्गु को मनसरवा नाले से निजात नहीं मिली. आलम यह है कि पिछले पांच वर्षों में फल्गु को बचाने के नाम पर तीन करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है. बावजूद इसकी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.
यह स्थिति तब है जब प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने पिछले एक सितंबर को गया दौरे के दौरान मनसरवा नाले के पानी को फल्गु में नहीं गिराने का आदेश दिया था. लेकिन, उनके आदेश पर अमल होता नहीं दिख रहा है.
मुख्यमंत्री के आदेश को अफसर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. सीएम के आदेश का असर सिर्फ इतना ही है कि श्मशान घाट के पास एक बांध बनाया जा रहा है, ताकि नाले का पानी फल्गु में न जाये, पर अब तक बांध बनने का काम पूरा नहीं हो सका है.
दोबारा खर्च हुए एक करोड़ 35 लाख रुपये
वर्ष 2016-17 में दोबारा मनसरवा नाले के निर्माण के लिए टेंडर हुआ. डूडा व नगर निगम के इंजीनियर की देखरेख में निर्माण शुरू हुआ. यह नाला यहां से होते हुए कंडी नवादा के धोबिया घाट तक बनना था. इसके लिए करीब एक करोड़ 35 लाख रुपये का टेंडर हुआ. पहले से बने नाले को तोड़ा गया व नये नाले का निर्माण शुरू हुआ.
विद्युत शवदाह गृह के पीछे से एक नाली इस नाले में जोड़ दी गयी, ताकि विष्णुपद से सटे इलाकों का पानी यहां से होते हुए आगे जाये. यहां भी डूडा व निगम के इंजीनियर व ठेकेदारों ने इसके निर्माण में लापरवाही बरती. श्मशान घाट से लेकर देवघाट, संगत घाट, गदाधर घाट होते हुए हनुमान घाट तक नाले का निर्माण हो चुका है. इसके बाद से नाले का निर्माण बंद है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
फल्गु नदी में शहर की नालियों का पानी न गिरे, इस दिशा में काम हो रहा है. नगर निगम अपने स्तर पर इस कोशिश में लगा है कि मोक्षदायिनी फल्गु में साफ पानी रहे. इसके लिए फल्गु के पास नाले का निर्माण कराया जा रहा है. मनसरवा नाले के पानी को रोकने के लिए बांध बनाया जा रहा है.
वीरेंद्र कुमार, मेयर गया
70 लाख डूबे, लेकिन नहीं निकला हल
पांच वर्ष पहले श्मशान घाट के पीछे जहां मनसरवा नाला गिरता था, उससे करीब 300 मीटर की दूरी पर पक्के नाले का निर्माण कराया गया. लेकिन, यहां पर ठेकेदार व इंजीनियर ने पैसे का बंदरबांट करते हुए नाले का मुहाना नदी से पांच फुट ऊपर बना दिया. यह नाला देवघाट तक बनाया गया था. लेकिन, नाला कुछ महीनों बाद ही कई जगहों पर टूट गया. हालांकि इस मामले को लेकर शुरू में हंगामा भी हुआ, लेकिन कार्रवाई कुछ भी नहीं हुई.
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