गया: 16 जुलाई की रात जहानाबाद शहर स्थित निजामुद्दीनपुर मुहल्ले में संगीता देवी की पिटाई के मामले में मगध के डीआइजी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस पदाधिकारियों को क्लीनचिट दे दी है. उन्होंने इस घटना से संबंधित रिपोर्ट अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय को भेज दी है. डीआइजी की यह रिपोर्ट जहानाबाद के एसपी आदित्य कुमार, एएसपी वकील अहमद, नगर इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह सहित नगर व महिला थाने के सिपाहियों को राहत देने वाली है.
क्या है रिपोर्ट में
डीआइजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि संगीता देवी के विरुद्ध दबंगता व चरित्रहीनता की शिकायत को लेकर आसपास के लोगों में आक्रोश पहले से ही थी. चुन्नु शर्मा के अगवा किये जाने के बाद उनके पिता की शिकायत पर जनाक्रोश फूट पड़ा और निजामुद्दीनपुर मुहल्ले में हरदेव सिंह के मकान के तीन मंजिले कमरे के एक बक्से से संगीता देवी को आक्रोशित भीड़ ने पकड़ा. उस भवन में अंदर जाने के लिए सिर्फ एक संकरा रास्ता है. यह भवन संगीता देवी के मकान के पीछे की तरफ व मुख्य मार्ग से थोड़ा अंदर स्थित है. भवन के अंदर जाने के रास्ते में भीड़ जमा थी.
इस कारण पर्याप्त पुलिसकर्मी एक साथ भवन के अंदर प्रवेश नहीं कर सके. लेकिन, आक्रोशित भीड़ में लोगों की संख्या के आगे पुलिसवाले बल प्रयोग करने की स्थिति में नहीं थे. ऊपर के कमरे से नीचे लाने के दौरान संगीता के साथ मारपीट की गयी. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने उसे मारपीट कर अर्ध या पूर्ण नग्न कर दिया. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने संगीता को भीड़ से बचाने का पूरा प्रयास किया.
थोड़ा और नीचे आने के बाद पर्याप्त जगह मिलते ही पुलिस अधिकारियों व पुलिस बलों ने उसके बदन पर कपड़े डाले और उसे भीड़ से बाहर निकाला. संगीता को बचाने में उग्र लोगों का भारी विरोध भी पुलिसकर्मियों को ङोलना पड़ा. इस दौरान महिला पुलिस अधिकारी प्रीति कुमारी व कुछ अन्य पुलिस बलों को चोटें भी लगीं. जनाक्रोश इतना ज्यादा था कि यदि पुलिस समय से कार्रवाई नहीं करती, तो आक्रोशित भीड़ में शामिल लोग संगीता देवी व उनके संबंधियों की हत्या भी कर देते. लोगों ने संगीता देवी के बेटे सौरभ पर पत्थर से प्रहार किया. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. अबतक की जांच व समीक्षा से स्पष्ट है कि इस घटना में पुलिस पदाधिकारियों व सिपाहियों ने लापरवाही नहीं की.