कंचन
गया : जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र की अहमियत भले ही भारत या बिहार के लोग न समङों, लेकिन विदेश में रह रहे प्रवासी भारतीयों के लिए इसकी उपयोगिता अधिक है. शायद यही कारण है कि लंदन के ऑखिल हाउस, 130 टाउन ब्रिज रोड, हिडेन बोरो टाउन ब्रिज कैंट (लंदन) की निवासी कविता पटेल ने पत्र भेज कर अपनी मां सुमित्र पटेल का जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए गया के डीएम से अनुरोध किया है.
लेकिन, गया में उनके नाना पुरुषोत्तम दास पटेल व नानी चंचल बेन पी पटेल के साथ उनकी मां सुमित्र पटेल किस मुहल्ले में रहती थीं, इसका जिक्र पत्र में नहीं है. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी शशि प्रभा ने बताया कि डीएम ने जन्म प्रमाणपत्र बनाने संबंधी पत्र उन्हें सौंपा है. पत्र में कविता ने अपनी मां की जन्मतिथि 18 अक्तूबर, 1944 बताया है. लेकिन, कविता ने अपनी मां के रहने के पते का उल्लेख नहीं किया है. ऐसी स्थिति में पता खोजना मुश्किल है. सुमित्र पटेल लंदन में लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के वित्त विभाग में काम करती थीं, तभी गया छोड़ कर यहां से चली गयीं.
हैरानी की बात तो यह है कि 70 साल के बाद सुमित्र पटेल के जन्म प्रमाणपत्र की क्या जरूरत पड़ गयी. कविता अभी लंदन में रहती है. इससे यह भी पता चलता है कि सुमित्र को शायद कोई बेटा नहीं था. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि कविता के लंदन के पते पर पत्र भेजा जा रहा है, ताकि वह गया में उस समय के रहने का पता लिख कर भेज सकें. इसके बाद जांच-पड़ताल कर उनकी मां का जन्म प्रमाणपत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बना कर भेजा जा सकता है.