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गया : हत्या के मामले में आठ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा

वर्ष 2002 में गोली मार कर की गयी थी हत्या गया : हत्या के एक मामले में नीमचक बथानी के आठ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी.त्वरित न्यायालय द्वितीय कामेश्वर नाथ राय की अदालत नीमचक बथानी थाना कांड संख्या 15 /2002 में इदरीश खां ,परवेज खान, कमाल खान,नसरुल्लाह खान,सलाउद्दीन खान,शाहिद खान,गालिब खान व […]

वर्ष 2002 में गोली मार कर की गयी थी हत्या
गया : हत्या के एक मामले में नीमचक बथानी के आठ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी.त्वरित न्यायालय द्वितीय कामेश्वर नाथ राय की अदालत नीमचक बथानी थाना कांड संख्या 15 /2002 में इदरीश खां ,परवेज खान, कमाल खान,नसरुल्लाह खान,सलाउद्दीन खान,शाहिद खान,गालिब खान व मुमताज खान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस मामले के सूचक नीमचक बथानी के होरीडीह गांव निवासी महेश यादव का प्राथमिकी में कहना था कि 21 अप्रैल 2002 को जब मैं अपने गांव में परिजनों के साथ बैठ कर भुनेश्वर यादव की पत्नी के श्राद्ध कर्म पर विचार-विमर्श कर रहा था.
उसी समय उक्त सभी अभियुक्त राइफल लिए हुए पहुंचे और हम लोगों को घेर लिया. इस पर इदरीश खान ने आदेश दिया कि ‘करुआ को मार दो’ इस पर खलील मियां ने कारु यादव के सिर पर राइफल से गोली मार दी. कारु यादव मेरे चाचा थे. गोली लगते ही मेरे चाचा वहीं गिर गये और उनकी मौत हो गयी. अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद उक्त आठों अभियुक्तों को धारा 302/ 149 के तहत आजीवन कारावास व 5000 रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.
धारा 27 आर्म्स एक्ट में भी दो साल की सजा सुनायी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक परवेज शाहिन व बचाव पक्ष की ओर से अब्दुल बारी खान ने अपना पक्ष रखा .इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 10 गवाहों की व बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह की गवाही हुई.
गुरारू गैंगरेप मामला पीड़िता ने चार अभियुक्तों को पहचाना
गुरारू गैंगरेप मामले में शनिवार को पीड़िता की गवाही पूरी हुई. अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम में तीन दिनों से लगातार चल रही गवाही के दौरान पीड़िता ने चार अभियुक्तों की पहचान की. उसने अपनी गवाही में कहा की 13 जून 2018 को जब मैं अपने मां पिताजी के साथ विश्वनाथपुर जा रही थी.
सोनडीहा गांव के निकट पहुंचने के बाद 10-15 की संख्या में लोगों ने मेरे पिताजी की गाड़ी रोक ली . सभी के हाथ में राइफल और पिस्टल थे.उन लोगों ने हम लोगों को एक खेत में ले गये जहां पहले से ही दो आदमी बंधे हुए थे . उसी खेत में उन लोगों ने मेरे साथ दुष्कर्म किया. उसने अपनी गवाही में यह भी कहा कि जेल में अभियुक्तों की पहचान के लिए मुझे ले जाया गया था.
उसने अपना हस्ताक्षर की भी पहचान की. गौरतलब है कि 13 जून को सोनडीहा गांव के पास मां बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था . इससे पहले इस मामले में पीड़िता की मां की गवाही हुई थी. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कैसर सरफुद्दीन व बचाव पक्ष की ओर से सत्य नारायण सिंह कमलेश कुमार अधिवक्ता ने जिरह की.

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