गया/भभुआ : अब तक होटलों, ढाबों, ईंट भट्ठों और गैरेज पर काम करने वाले 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सिर्फ श्रम विभाग मुक्त कराता था, लेकिन अब ऐसे बच्चों को उनके माता-पिता की सहमति से शिक्षा भी दिलायी जायेगी. भभुआ के श्रम अधीक्षक रोहित कुमार ने बताया कि 12 जून से पहले भभुआ प्रखंड को बालश्रम से मुक्त किया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि नगर पर्षद भभुआ को बाल श्रम से मुक्त कर दिया गया है.
अगर किसी ढाबे व गैरेज पर नाबालिग बच्चे काम करते पकड़े जायेंगे, तो उनके संचालकों पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि बालश्रम से मुक्त कराये गये बच्चे फिर से रास्ते से भटक कर बालश्रम के कार्य करने लगते हैं.
अब विभाग द्वारा बालश्रम से मुक्त कराये बच्चों की शिक्षा के लिए गया शहर के मानपुर स्थित खिजरसराय रोड में आवासीय स्कूल खोला गया है. उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा मुक्त कराये गये 100 बच्चों के लिए व्यवस्था तैयार की गयी है. गया में स्थित आवासीय विद्यालय में ऐसे बच्चों के रहने, खाने और पढ़ाई के लिए व्यवस्था की गयी है.
स्कूल में नामांकन के लिए बच्चों के माता-पिता की सहमति जरूरी है. बच्चों को स्कूल में रख कर उन्हें खाने, पढ़ने, सोने से लेकर सारी सुविधाएं दी जायेंगी. स्कूल में 14 साल की उम्र तक के बच्चों का नामांकन किया जायेगा. इस संबंध में श्रम विभाग अधीक्षक रोहित कुमार ने बताया कि बाल श्रम से मुक्त कराये गये बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए गया शहर में 100 बेड वाला आवासीय विद्यालय खोला गया है, जहां बालश्रम से मुक्त कराये गये बच्चों का नामांकन कराया जायेगा.
नामांकन के समय उनके माता-पिता की सहमति भी ली जायेगी. विद्यालय में बच्चों को कपड़े, कॉपी, किताब, पेंसिल मुफ्त में दी जायेगी. बता दें कि विगत दिनों कैमूर आये श्रम संसाधन विभाग के मंत्री विजय सिन्हा ने कहा था कि कैमूर जिले को 26 जनवरी से पहले बालश्रम मुक्त कर दिया जायेगा. लेकिन, केवल नगर पर्षद क्षेत्र छोड़ कर अब तक जिले के कोई भी प्रखंड 14 फरवरी तक बाल श्रम मुक्त घोषित नहीं हुए हैं.