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गया : काम में देरी से फीकी पड़ी ऑडिटोरियम की चमक

आशीष, गया : विगत 20 दिसंबर 2006को प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान के समीप गया संग्रहालय सह मगध सांस्कृतिक केंद्र का उद्घाटन किया था, लेकिन उद्घाटन के 12 साल बाद भी यहां बने ऑडिटोरियम में एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गया के […]

आशीष, गया : विगत 20 दिसंबर 2006को प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान के समीप गया संग्रहालय सह मगध सांस्कृतिक केंद्र का उद्घाटन किया था, लेकिन उद्घाटन के 12 साल बाद भी यहां बने ऑडिटोरियम में एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सका है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गया के सांस्कृतिक महत्व को लेकर सरकार व प्रशासन कितना गंभीर है. ऑडिटोरियम नहीं होने के कारण यहां के कला प्रेमियों को हर बार निजी ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम कराना पड़ता है.

हालांकि ऑडिटोरियम निर्माण को लेकर कई बार प्रशासन के पास कलाकारों व रंगकर्मियों ने आवेदन दिया, लेकिन सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ भी नहीं मिला. गौरतलब है कि गया के सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए ऑडिटोरियम का निर्माण कराया गया था.
शुरुआत से ही गड़बड़ी :गया संग्रहालय सह मगध सांस्कृतिक केंद्र में बने ऑडिटोरियम की नोडल एजेंसी भवन निर्माण विभाग है. तीन एकड़ में बने ऑडिटोरियम को लेकर शुरुआत से गड़बड़ी की गयी.
आमतौर पर ऑडिटोरियम साउंड प्रूफ होते हैं, लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया. अमूमन मंच व दर्शकों के लिए चयनित जगह इस तरह डिजाइन किये जाते हैं कि दर्शक एक निश्चित ऊंचाई व दूरी के साथ कार्यक्रम का मजा ले सके. लेकिन, यहां ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया गया. प्रचार नहीं होने के कारण यहां कई वर्षों तक पुलिस के जवानों का डेरा रहा.
कई बार राशि लौटी
2008 से लेकर 2016 के दौरान कला संस्कृति एवं युवा विभाग पटना द्वारा इसके जीर्णोद्धार को लेकर भवन निर्माण कार्यालय गया को कई बार राशि भेजी गयी, लेकिन जीर्णोद्धार का काम शुरू नहीं हो सका.
जाने माने रंगकर्मी शंभु सुमन बताते हैं कि जिला 20 सूत्री का सदस्य रहते उन्होंने कई बार प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस दिशा में ठाेस पहल नहीं कर सके. पिछले वर्ष ही कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने इसका निरीक्षण कर भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों व संवेदक को चेतावनी दी थी कि कार्य में गुणवत्ता नहीं बरती जा रही. अगर कार्य में गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई की जायेगी.
एजेंसी को किया गया डिबार
पिछले महीने ही भवन निर्माण विभाग ने सरोज कुमार की एजेंसी को डिबार (आगे किसी भी विभागीय टेंडर में भाग लेने से रोका) कर दिया. इसके पीछे विभाग का तर्क था कि समय-सीमा के अंदर काम नहीं हुआ है. साथ ही काम की क्वालिटी सही नहीं है. इस संबंध में सरोज कुमार का कहना है कि कार्य में लापरवाही नहीं बरती गयी है. हर तरह से गुणवत्ता का ध्यान रखा गया है. मार्च 2019 तक जीर्णोद्धार का काम पूरा हो जायेगा.
2017 में जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ का आवंटन
वर्ष 2017 में कला संस्कृति एवं युवा विभाग ने ऑडिटोरियम के जीर्णोद्धार व यहां काउंटर निर्माण के लिए एक करोड़ 15 लाख रुपये भवन निर्माण विभाग को आवंटित किया. भवन निर्माण विभाग ने इस काम का ठेका नवादा के ठेकेदार सरोज कुमार को दिया. एजेंसी को 2018 तक काम पूरा कर देना था. लेकिन, यहां भी ऑडिटोरियम के बुरे दिन ठीक नहीं हुए.
एजेंसी ने यहां कार्य में काफी लापरवाही बरती. यहां पूर्व से बने टॉयलेट के जर्जर पाइप में ही पानी का नया कनेक्शन जोड़ दिया गया. ऑडिटोरियम तक जाने के लिए बनायी गयी सड़क में घटिया क्वालिटी का सामान इस्तेमाल में लाया गया. भवन निर्माण कार्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो एजेंसी के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ.
क्या कहते हैं अधिकारी
गया संग्रहालय में ऑडिटोरियम के जीर्णोद्धार के काम पर बराबर नजर रखी जा रही है. हर कुछ दिनों पर जेई वहां जाकर निरीक्षण करते हैं.एजेंसी को कह दिया गया कि जल्द-से-जल्द काम पूरा करें.
फुलेश्वर मंडल, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण प्रमंडल

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