बोधगया : तिब्बती लोगों का नववर्ष के अवसर पर दिवाली के रूप में मनाया जाना वाला लोसर पर्व सोमवार को शुरू हुआ. तीन दिवसीय लोसर को लेकर सोमवार की अहले सुबह से ही तिब्बती लोगों व महायान पंथ के बौद्ध लामाओं ने महाबोधि मंदिर, तिब्बत मंदिर व तोरगर मोनास्टरी में पूजा-अर्चना करते देखे गये. सभी […]
बोधगया : तिब्बती लोगों का नववर्ष के अवसर पर दिवाली के रूप में मनाया जाना वाला लोसर पर्व सोमवार को शुरू हुआ. तीन दिवसीय लोसर को लेकर सोमवार की अहले सुबह से ही तिब्बती लोगों व महायान पंथ के बौद्ध लामाओं ने महाबोधि मंदिर, तिब्बत मंदिर व तोरगर मोनास्टरी में पूजा-अर्चना करते देखे गये.
सभी ने नव वर्ष की एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी व विश्व शांति की कामना की. तिब्बत मोनास्टरी में वरीय लामा से श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद प्राप्त किया व अच्छे भोजन कर तफरीह पर निकल पड़े. कुछ राजगीर तो कुछ ढ़ूंगेश्वरी पहुंच कर अपनी छुट्टी का आनंद उठाया. उधर, सुजाता बाइपास रोड स्थित तेरगर मोनास्टरी में विशेष पूजा की गयी.
मोनास्टरी प्रभारी लामा सोटोप व अन्य लामाओं ने विशेष प्रार्थना की व देश-दुनिया के लोगों के साथ ही 17वें ग्यालवा करमापा उज्ञेन त्रिनले
दोरजी के स्वस्थ रहने के लिए प्रार्थना की गयी.
इसके बाद प्रसाद का वितरण भी किया गया. तिब्बतियों के लिए दिवाली के रूप में मनाया जाना वाला लोसर अमूमन तीन दिनों तक आयोजित की जाती है. लोसर को लेकर तिब्बत मोनास्टरी को रंगीन लाइटों से सजावट की गयी है.