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पॉलीिथन बैन : अब गया का ”गला घोंट देंगे” नये कैरी बैग

गया : पॉलीथिन के कैरी बैग बंद कर नये कैरी बैग बाजार में उतारे गये हैं. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार बाजार में चल रहे कैरी बैग की रीसाइक्लिंग की जा सकती है. लेकिन, सबसे बड़ी समस्या यह है कि निगम क्षेत्र में इस कैरी बैग को कचरे से अलग करने की समुचित व्यवस्था नहीं शुरू […]

गया : पॉलीथिन के कैरी बैग बंद कर नये कैरी बैग बाजार में उतारे गये हैं. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार बाजार में चल रहे कैरी बैग की रीसाइक्लिंग की जा सकती है. लेकिन, सबसे बड़ी समस्या यह है कि निगम क्षेत्र में इस कैरी बैग को कचरे से अलग करने की समुचित व्यवस्था नहीं शुरू की जा सकी है.
कुछ दिनों पहले वार्डों से निकलनेवाले कचरे की छटनी कर उसमें से जैविक खाद बनानेवाले तत्वों को अलग किया जा रहा था. इसके साथ ही कचरे में आये ऐसे तत्व जिसकी साइक्लिंग की जा सकती है, उसे भी छांटा जा रहा था.
प्रयोग के तौर पर यह काम निगम की ओर से कुछ वार्डों में शुरू किया गया. लेकिन, अब तक यह प्रक्रिया सारे वार्डों में नहीं लागू की जा सकी है. इतना ही नहीं, जिस कचरे से जैविक खाद तैयार किया गया है, उसे भी बाजार में लाने के लिए ग्राइंडिंग व पैकिंग मशीन निगम में नहीं खरीदी जा सकी है.
मशीन नहीं आने के बाद कचरा छंटनी का काम भी रोक दिया गया है, जबकि कचरे में नये कैरी बैग पहुंचने लगे हैं. ये कैरी बैग भी ऐसे ही नाले में फेंके जाते रहे, तो पुराने दिनों की तरह फिर नाला जाम की समस्या बनी रहेगी.
लोगों ने भी सहयोग करने में की कंजूसी : निगम द्वारा घरों में गीला व सूखा कचरा अलग-अलग जमा करने के लिए दो-दो डस्टबीन दिये गये. इसके साथ ही निगम के कर्मचारी मुहल्लों में जाकर सिटी बजा कर कचरे का कलेक्शन करते हैं. बताया जाता है कि निगम से दिये गये डस्टबीन का इस्तेमाल कचरा जमा करने के लिए बहुत कम ही घरों में किया जा रहा है.
इसके साथ ही निगम कर्मचारी जब कचरा कलेक्शन के लिए घरों के पास पहुंचते हैं, तो उन्हें कचरा नहीं दिया जाता. उनके जाने के बाद कचरा सड़क किनारे ही फेंक दिया जाता है. निगम से सड़क किनारे कचरा फेंकने पर जुर्माना लगाने की बात कही गयी थी. लेकिन, अब तक यह भी शुरू नहीं हो सका है.
कचरे से जैविक खाद बनाने पर कई लोगों को मिलता रोजगार : कचरा निष्पादन, जैविक खाद बनाने व रीसाइक्लिंग वेस्टेज छंटनी में कई लोगों को रोजगार मिलने की बात बतायी गयी थी.
इस काम में शुरू में महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लगाने की हुई थी. इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया था. इतना ही नहीं पॉलीथिन कैरी बैग बंद होने के बाद यह काम सफलता पूर्वक किया जाना और आसान माना जा रहा था.
रीसाक्लिंग वेस्टेज की बिक्री कर होनेवाली आमदनी लाखों में बतायी गयी थी. महिला समूह के सदस्यों ने इस काम में जोर-शोर से काम करना भी शुरू किया. लेकिन, निगम प्रशासन के सुस्ती बरतने के बाद इस काम में लगी महिलाओं ने भी रुचि लेना बंद कर दिया.
नगर निगम में कचरा प्रबंधन की लापरवाही पड़ेगी भारी
हल्की बरसात में भी जाम हो जायेंगी नालियां
जैविक खाद बनाने के काम का नहीं किया जा सका विस्तार
रीसाइक्लिंग की व्यवस्था भी अब तक नहीं की जा सकी
यह करनी है व्यवस्था
शहर के 53 वार्डों कचरा प्रबंधन के लिए काम शुरू करना है. इसके तहत वार्डों में ही स्थानीय स्तर पर कचरे से जैविक खाद बनाने, कचरे से निकलनेवाले रीसाइक्लिंग होनेवाले वेस्टेज को अलग जमा कर बाजार में बेचना व फालतू कचरे को डंपिंग जोन तक पहुंचाना है.
देखा जा रहा था कि कचरे के स्थानीय स्तर पर निष्पादन की व्यवस्था नहीं होने के कारण कचरे से होकर पॉलीथिन नाले में जाम की स्थिति पैदा कर रहे हैं. जहां-तहां गंदगी व कचरा जलाने से प्रदूषण की समस्या से लोग परेशान थे.
निगम बोर्ड की बैठक में यह तय किया गया कि सभी वार्डों में स्थानीय स्तर पर कचरा से जैविक खाद बनाने के लिए किट बनाने, कचरा स्टोर करने के लिए निश्चित स्थल तय किये जाने व वहीं पर कचरा छंटनी करने की व्यवस्था की जानी है. शुरुआती दौर में निगम विकास शाखा व नैली डंपिंग जोन में जैविक खाद के लिए कीट तैयार किये गये. लेकिन, अन्य वार्डों में यह काम अब तक शुरू नहीं हो सका है.

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