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गया की धरती शिल्पकारों के लिए उर्वर : डीएम
गया : गया एक ऐतिहासिक नगरी है. बोधगया जो ज्ञान स्थली के लिए जाना जाता है वहीं हिंदू धर्मावलंबियों के लिए विष्णुपद मोक्ष स्थल के लिए विख्यात है. इसके साथ ही हमारे असंख्य शिल्पीगण भी गया में है, जो चाहे पत्थरकट्टी में हो या बोधगया में. उनकी वजह से ही गया में हस्तशिल्प का इतिहास […]
गया : गया एक ऐतिहासिक नगरी है. बोधगया जो ज्ञान स्थली के लिए जाना जाता है वहीं हिंदू धर्मावलंबियों के लिए विष्णुपद मोक्ष स्थल के लिए विख्यात है. इसके साथ ही हमारे असंख्य शिल्पीगण भी गया में है, जो चाहे पत्थरकट्टी में हो या बोधगया में. उनकी वजह से ही गया में हस्तशिल्प का इतिहास समृद्ध रहा है.
यहां की धरती शिल्पकारों के लिए उर्वरा है. यह बातें डीएम अभिषेक सिंह ने मंगलवार को गांधी मैदान में हस्तशिल्प मेला सह प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कहीं. उन्होंने उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान पटना व वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार को मेला के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया.
इस मौके पर उप विकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि दिल्ली के मुकाबले गया में लगने वाले इस मेला को लेकर प्रदेश के शिल्पकार काफी उत्साहित रहते हैं. क्योंकि पिछले चार सालों में गया में शिल्पकारों द्वारा बनाये गये सामानों की बिक्री दिल्ली से भी ज्यादा हुई है. वहीं धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक डीआइसी ने किया. इससे पहले मेला का उद्घाटन डीएम अभिषेक सिंह, उपेंद्र महारथी के उप विकास पदाधिकारी अशोक सिन्हा, ज्वांइट डायरेक्टर कृषि एसी जैन,सेंट्रल बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ कौशलेंद्र प्रताप सिंह,महाप्रबंधक डीआइसी राजकुमार शर्मा व डॉ सच्चिदानंद प्रेमी ने दीप जला कर किया.
गया शहर व पिपरघट्टी में बनेंगे कॉमन सर्विस सेंटर
उप विकास पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि गया में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट फॉर डेवलपमेंट ऑफ हैंडलूम योजना के तहत गया शहर व पिपरघट्टी में एक करोड़ रुपये की लागत से कॉमन सर्विस सेंटर बनाया जायेगा.
जहां शिल्पकारों को हर प्रकार की सुविधा दी जायेगी. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में 30 करोड़ रुपये की लागत से 18 विधाओं को सहेजने की दिशा में काम चल रहा है. इसमें पटना, मुजफ्फरपुर, सारण, आरा, गया, भोजपुर समेत कई जगहों पर काम चल रहा है.
स्टॉल पर अलग-अलग कलाओं से रूबरू हुए अधिकारी
इसके पहले डीएम समेत अन्य अतिथियों ने यहां लगे स्टॉल का निरीक्षण किया. हर स्टॉल पर हैंडलूम, हैंडीक्राॅफ्ट की विविधता देख अधिकारी काफी खुश नजर आये. इस दौरान डीएम ने कई शिल्पकारों से उनकी कलाओं के बारे में जानकारी भी ली. उप विकास पदाधिकारी ने डीएम को बताया कि इस दफा 100 स्टॉल लगाये गये हैं. जिसमें 50 स्टॉल को बिहार सरकार प्रमोट कर रही है वहीं 50 स्टॉल को भारत सरकार का वस्त्र मंत्रालय.
40 प्रशिक्षित शिल्पकारों को मिले किट
गया शहर के नयी सड़क में लकड़ी कला व पिपटघट्टी में स्टोन चिप का प्रशिक्षण हासिल कर चुके 40 युवा शिल्पकारों को किट बैग डीएम ने दिये. इसमें पिपरघट्टी के रोहित कुमार गौड़ व लालू चौधरी वही गया शहर में लकड़ी कला का प्रशिक्षण पाये सुभाष कुमार व महेश सोनी शामिल है. सभी को दो-दो हजार रुपये का कीट बैग दिया गया है. ताकि वह आर्थिक रूप से मजबूत बने व अपनी कला के जरिये प्रदेश का नाम रोशन करे. वहीं देर शाम प्रसिद्ध भोजपुरी गायक अमर आनंद ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. जिसका लोगों ने खूब आनंद उठाया.
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