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फर्जी कर्मचारी वसूलते हैं निगम का होल्डिंग टैक्स

गया : नगर निगम में कर्मचारियों के नये-नये कारनामे आये दिन उजागर होते रहते हैं. इसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारी चुप रह कर मौन सहमति इन सब पर दिये रहते हैं. होल्डिंग टैक्स वसूलने के लिए टैक्स कलेक्टर, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी व कमीशन एजेंट को जिम्मेदारी दी गयी है. तीनों जिम्मेदार कर्मचारी टैक्स वसूली […]

गया : नगर निगम में कर्मचारियों के नये-नये कारनामे आये दिन उजागर होते रहते हैं. इसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारी चुप रह कर मौन सहमति इन सब पर दिये रहते हैं. होल्डिंग टैक्स वसूलने के लिए टैक्स कलेक्टर, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी व कमीशन एजेंट को जिम्मेदारी दी गयी है. तीनों जिम्मेदार कर्मचारी टैक्स वसूली के लिए कई वार्डों में अपनी ओर से प्राइवेट आदमी रख रखा है.
टैक्स कलेक्टरों द्वारा रखे गये लोग ही वार्डों से होल्डिंग टैक्स वसूली व निगम में पैसा जमा करने का काम करते हैं. इसकी जानकारी यहां के राजस्व पदाधिकारी के साथ अन्य कर्मचारियों को भी है. लेकिन, वर्षों से चल रहे इस खेल के विरोध में किसी ने आवाज तक नहीं उठायी है. प्राइवेट लोगों द्वारा टैक्स वसूले जाने के कारण कई बार नगर निगम में टैक्स में अधिक पैसा मांगने का आरोप लेकर लोग पहुंचते हैं.
ऐसे में अब तक वसूली का रिकॉर्ड देखा जाये, तो हर वर्ष टैक्स वसूली के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जाता है. शहर के लगभग 65 हजार होल्डिंग से पिछले वर्ष 13 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन वसूली महज सात करोड़ ही हो सकी.
यहां भी उठते रहे हैं सवाल : टैक्स कलेक्टरों द्वारा प्राइवेट आदमी रख कर वसूली कराये जाने के मामले में सवाल उठते रहे हैं कि निगम से एक आदमी को टैक्स वसूली के लिए वेतन दिया जाता है. उसमें ये प्राइवेट आदमी को काम करने के एवज में पैसा कहां से देते हैं. निगम सूत्रों का माने, तो यहां टैक्स वसूली के साथ-साथ निगम में अन्य काम भी लोग देखते हैं.
टैक्स वसूली का काम पूरी तौर से प्राइवेट आदमी से कराया जाता है. इतना ही नहीं प्राइवेट तौर पर टैक्स वसूली के लिए आदमी रखने को कई तरह की पैरवी भी की जाती है. इससे यह साफ हो जाता है कि टैक्स वसूली में कुछ-न-कुछ बड़ा खेल जरूर होता है.
प्राइवेट कंपनी को किया गया है एग्रीमेंट : होल्डिंग टैक्स वसूली की जिम्मेदारी निगम बोर्ड व स्टैंडिंग में प्रस्ताव पारित कर प्राइवेट कंपनी को दिये जाने के लिए एग्रीमेंट किया जा चुका है. निगम कार्यालय सूत्रों का कहना है कि यहां के कर्मचारी अगर टैक्स वसूली में तत्पर रहते, तो निगम की वर्तमान वसूली दोगुनी हो जाती. निगम की गिरती हुई वसूली को नियंत्रित करने के लिए ही बोर्ड ने प्राइवेट कंपनी को जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया है.
हाल ही में ‘मैप माई इंडिया’ प्राइवेट एजेंसी द्वारा होल्डिंग सर्वे किया गया है. सर्वे में शहर का 65 हजार से होल्डिंग बढ़ कर एक लाख से अधिक पहुंच गया है. प्राइवेट कंपनी के आने के बाद टैक्स कलेक्टर व अन्य कर्मचारी को दूसरे काम में लगा लिया जायेगा. कमीशन एजेंट को काम से हाथ धोना होगा. इधर पिछले दिनों नगर आयुक्त डॉ ईश्वर चंद्र शर्मा ने कहा था कि कमीशन एजेंट को प्राइवेट कंपनी के साथ जोड़ने का प्रयास किया जायेगा. इधर कमीशन एजेंटों का कहना है कि आठ वर्ष काम करने के बाद बेरोजगार किया जाना अच्छी बात नहीं है. इसके लिए जरूरत पड़ी तो आंदोलन किया जायेगा.

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