जम्मू से फोन कर सेना के जवान ने दी प्रभात खबर के दफ्तर में जानकारी
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नहीं सुन रहे निगम के अधिकारी कोई तो बचाये पत्नी और बच्चों को
जम्मू से फोन कर सेना के जवान ने दी प्रभात खबर के दफ्तर में जानकारी गया : नगर निगम के अधिकारियों को विनती करते-करते थक चुका हूं. पत्नी व बच्चे तीन दिनों से घर में फंसे हुए हैं. घर के चारों ओर साढ़े तीन फुट पानी जमा हो गया है, लेकिन कोई सुध नहीं ली […]
गया : नगर निगम के अधिकारियों को विनती करते-करते थक चुका हूं. पत्नी व बच्चे तीन दिनों से घर में फंसे हुए हैं. घर के चारों ओर साढ़े तीन फुट पानी जमा हो गया है, लेकिन कोई सुध नहीं ली जा रही है. ये बातें जम्मू से फोन कर सेना में नायक पद पर तैनात रामाधार शर्मा ने शनिवार की सुबह प्रभात खबर के दफ्तर में कहीं. उन्होंने बताया कि कटारी हिल रोड में कामता प्रसाद कॉलेज के सामने दो वर्ष पहले बच्चों को पढ़ने के लिए मकान बनाया है. पिछले वर्ष तक वहां थोड़ा भी जलजमाव नहीं हुआ था. इस बार बरसात शुरू होते ही घर के चारों ओर जलजमाव हो गया है. बच्चों को स्कूल जाने व अन्य सामान लाने की परेशानी हो रही है.
घर में पत्नी जूली देवी, 11 वर्षीय बेटा आनंद राज व पांच वर्षीय बेटा राम राज रहता है. उन्होंने बताया कि नगर निगम के सफाई प्रभारी को बार-बार फोन किये जाने पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है. यहां ड्यूटी में तैनात हूं, ऊपर से परिवार की चिंता सताये जा रही है. पत्नी व बच्चे बार-बार फोन कर कहते हैं पापा यहां से निकलने का साधन बनाओ. यहां मजबूरी में मीडिया का सहारा लेने के लिए फोन करना पड़ा है.
सचमुच है भयावह स्थिति : प्रभात खबर का संवाददाता शनिवार की दोपहर जब सेना के जवान के घर पर पहुंचा, तो चारों ओर पानी से घिरा मकान कामता प्रसाद सिन्हा कॉलेज के सामने दिखा. वहां पहुंचने का कोई साधन नहीं था. पानी में घुस कर मकान तक पहुंचने की कोशिश की. चारों ओर से चार फुट पानी करीब चार सौ मीटर तक दिखा.
घर के पास पहुंचने पर जूली देवी कहती हैं कि बिना सजा के ही हमलोगों तीन दिनों से काला पानी की सजा मिली है. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. कोई भी जरूरी सामान बाजार से लाना मुश्किल हो गया है. पति बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे हैं. यहां पर वार्ड पार्षद को फोन की, तो यहां आकर उनके प्रतिनिधि देख गये हैं. लेकिन, समस्या के समाधान की बात पर चुप्पी साध ली है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि व अधिकारी : नगर निगम के नगर आयुक्त भोपाल ट्रेनिंग में गये हैं. सुबह में इस संबंध में मेयर वीरेंद्र कुमार से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि इस मामले को तुरंत दिखाया जा रहा है. हर संभव मदद पीड़ित परिवार को की जायेगी. वहीं, डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव दोपहर में सेना के जवान का परिवार जलजमाव में घिरे होने की बात सुनते ही तुरंत ही फोन कर संबंधित कर्मचारी को निराकरण निकालने का आदेश दिया. इधर, सिटी मैनेजर से बात करने पर उन्होंने भी फोन पर किसी कर्मचारी से बात की. लेकिन बात करते-करते शाम हो गयी, परिवार को मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा.
इधर, निगम के कर्मचारियों का कहना है कि बिल्कुल खेत में मकान बनाया गया है. वहां आसपास कोई मकान नहीं है. कॉलेज में भी पानी भरा हुआ है. वहां से पानी निकालने के लिए अगर रोड को काटा जाता है, तो दूसरी ओर बसे मुहल्ले में पानी घुस जायेगा. इसके बाद भी डिप्टी मेयर ने कहा कि सेना के परिजन को परेशानी से उवारने के लिए जल्द ही समाधान निकाल लिया जायेगा. अन्य विभाग से जुड़ा भी मामला है इसलिए परेशानी आ रही है.
अंकल, हमें भी ले चलोगे बाहर
पांच वर्षीय राम राज संवाददाता को देख कर कह है कि अंकल हमें भी बाहर ले चलोगे. यहां मम्मी बाहर तक निकलने नहीं दे रही है. दोस्त लोग भी यहां कोई नहीं आता है. बाहर सिर्फ पानी ही पानी है. इतने में 11 वर्षीय आनंद राज कहता है कि दो दिन पहले स्कूल जाने के लिए निकलने की कोशिश की, पूरा कपड़ा गीला हो गया था. अब तो घर में बंद-बंद ही रहना पड़ रहा है. कटारी हिल रोड में कामता प्रसाद सिन्हा कॉलेज के आसपास कई सीमेंट के गोदाम बनाये गये व मकान निर्माणाधीन है.
मकान व गोदाम बनाते वक्त इसका ख्याल नहीं रखा गया कि पानी का निकास तय कर दिया जाये. ऊपर से सड़क में दिया गया ह्यूम पाइप को भी भर दिया गया है. लोगों का कहना है कि शहर में बिना प्लानिंग के बस रहे मुहल्ले के कारण ही ऐसी परेशानी कई जगहों पर सामने आ रही है.
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