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गया : फल्गु समेत दूसरी नदियों में पानी आने से दो फुट बढ़ा जलस्तर, कई सूखे भी

पीएचइडी का दावा, दो से तीन दिनों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद खराब पड़े चापाकलों से आने लगा पानी गया : पिछले दो से तीन दिनों के अंदर फल्गु समेत दूसरी नदियों में पानी आने से जिले में खतरनाक ढंग से नीचे जा रहे जलस्तर में कुछ सुधार हुआ है. जिले का जलस्तर दो […]

पीएचइडी का दावा, दो से तीन दिनों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद
खराब पड़े चापाकलों से आने लगा पानी
गया : पिछले दो से तीन दिनों के अंदर फल्गु समेत दूसरी नदियों में पानी आने से जिले में खतरनाक ढंग से नीचे जा रहे जलस्तर में कुछ सुधार हुआ है. जिले का जलस्तर दो फुट तक ऊपर आया है. हालांकि कई ऐसे इलाके हैं जहां की नदियां आज भी सूखी हैं. उनमें पानी नहीं आया है.
उन क्षेत्राें का वाटर लेवर ऊपर नहीं आया है. उम्मीद लगायी जा रही है कि दो से तीन दिनों के अंदर जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है. पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता विवेक कुमार कहते हैं कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर बंद पड़े चापाकलों से पानी आने लगा है. उन्होंने बताया कि नदी के समीप के गांवों में जलस्तर एक से ड़ेढ़ फुट ऊपर आया है. उन्होंने बताया कि जिला नियंत्रण कक्ष से लगातार सभी ग्रामीण क्षेत्रों से रिपोर्ट मांगी जा रही है ताकि जहां-जहां जलस्तर में सुधार हुआ है वहां की स्पष्ट तस्वीर सामने आ सके.डुमरिया में सुखी पड़ी सुरहर व पकवा नदी :डुमरिया में सुरहर व पकवा नदी में पानी नही है.
सूखी पड़ी है. किसान चिंतित हैं. नदी में पानी नहीं आने से गांव के कुआं ,नल आदि में जलस्तर नहीं बढा है. इन दो नदियों का उद्गम स्थल झारखंड के पलामू जंगल से है, बरसाती नदी होने के कारण पहाड़ से निकलने वाला नाला के माध्यम से ही पानी आता है. इन दो नदियों में पानी आया था पर, पुन: सूख गये.फतेहपुर प्रखंड में दो दिनों से हो रही बारिश के बाद ढाढ़र नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
झारखंड से निकली इस नदी के कारण फतेहपुर, टनकुप्पा व वजीरगंज के किसान के लिए जीवनदायिनी है. दो दिनों के बारिश के बाद जहां प्रखंड में 41 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया. वहीं, ढाढ़र नदी में करीब चार फुट जलस्तर बढ़ गया. वजीरगंज व मानपुर प्रखंड के सीमा पर बह रही पैमार नदी में मंगलवार की रात में लगातार सामान्य वर्षा होने के बाद नदी में सामान्य तौर पर पानी का बहाव शुरू हो गया है.
पिछले साल यही पैमार नदी से पानी का तेज बहाव के कारण निर्माण किया गया डायवर्सन को तोड़ दिये जाने से वजीरगंज से गया तक वाहनों का आवागमन ठप पड़ गया था. लेकिन, इस साल अब तक क्षेत्र की आहर, पोखर, तालाब में पानी का जमाव नहीं हो पाया है. हालांकि ढाढ़र नदी में दोनों किनारे तक पानी का बहाव देखा जा रहा है जिससे वजीरगंज बाजार व आसपास के क्षेत्रों में पानी का लेयर बढ़ा है. अब पीने के साथ किसानाें के खेताें काे भी पानी मिलेगा.
धान की रोपनी में तेजी आने की उम्मीद
दाे दिनाें से हुई बारिश व नदियों में जलस्तर के बढ़ने से जिले के किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं. जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा कहते हैं कि अब धान की रोपनी में तेजी आयेगी. उन्होंने कहा कि नदियों में पानी आनेे से स्वाभाविक रूप से खेतों में भी पानी पहुंचना शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ दिन और लगातार बरसात इसी तेजी के साथ होते रही तो यह किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा. गौरतलब है कि कमजोर मॉनसून के कारण जिले में धान की रोपनी लगातार प्रभावित हो रही थी. इससे किसानों में काफी मायूसी छायी हुई थी.
पिछले कुछ माह से लगातार गहराते जा रहे जलसंकट के कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी. पीएचइडी के अनुसार जिले का जलस्तर एक माह पूर्व 10 से 12 फुट तक डाउन हो गया था. मौसम विभाग का मानना था कि इस दफा जिले में बेहतर बरसात होगी. लेकिन मौसम विभाग के सभी दावे कमजोर पड़ते मॉनसून के आगे फेल हो गये. आलम यह था कि जिले में कई जगहों पर पानी के लिए रोजाना लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था.
हालांकि पिछले दो दिनों से जिले में जलसंकट की तस्वीर फल्गु समेत पैमार, निरंजना, ढाढ़र आदि प्रमुख नदियों में पानी आने के बाद काफी बदल गयी है. लेकिन माेरहर, सुरहर, पकवा, जमुने नदियाें में पानी आया ही नहीं है. जिनमें थाेड़ा-बहुत आया भी दूसरे ही दिन वाटर लेवल काफी घट गया. जिन नदियों में पानी आया वहां आस-पास रह रहे लोग भी काफी खुश है. क्योंकि अरसे बाद इन नदियों में पानी देखने को मिल रहा है.

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