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डोभी के करमौनी व मोहड़ा के गेहलौर एपीएचसी बनेंगे हेल्थ वेलनेस सेंटर
गया : केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 12 स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया जायेगा. इसमें 10 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) व दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) शामिल होंगे. 19 जुलाई को पटना में इस प्रोजेक्ट को लेकर बैठक होनी है. पहले […]
गया : केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 12 स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया जायेगा. इसमें 10 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) व दो शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) शामिल होंगे. 19 जुलाई को पटना में इस प्रोजेक्ट को लेकर बैठक होनी है. पहले फेज के लिए दो एपीएचसी का चयन कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक 31 जुलाई तक डोभी के करमौनी एपीएचसी व मोहड़ा के गेहलौर एपीएचसी को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बदल दिया जायेगा.
दूसरे चरण के लिए भी तीन एपीएचसी का चयन कर लिया गया है. शेष पांच एपीएचसी व दो यूपीएचसी का नाम फाइनल करने की प्रक्रिया चल रही है. इन सभी एपीएचसी को लेकर रिपोर्ट भी तैयार कर रहे हैं. उन स्वास्थ्य केंद्रों का ही चयन किया जायेगा जहां बेहतर भवन है. पूरा प्रोजेक्ट विभिन्न चरणों में पूरा होगा. ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. डीएम अभिषेक सिंह से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में एपीएचसी के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी सरकार के स्तर पर शुरू हो चुकी है.
विभिन्न चरणों के लिए इन प्रखंडों के एपीएचसी का चयन
प्रथम चरण (31 जुलाई तक) – करमौनी एपीएचसी व गेहलौर एपीएचसी
द्वितीय चरण (15 सितंबर तक) रानीगंज एपीएचसी, मेन ग्राम एपीएचसी, चेरकी एपीएचसी व दो यूपीएचसी (नोट – यूपीएचसी के नाम अभी फाइनल नहीं किये गये हैं)
तृतीय चरण (अक्तूबर तक) बाराचट्टी, आमस, टिकारी, कोंच व खिजरसराय (नोट – इन प्रखंडों में अब तक एपीएचसी का नाम फाइनल नहीं हुआ है.)
12 प्रकार की मिलेंगी सेवाएं
जानकारी के मुताबिक हेल्थ वेलनेस सेंटर के तौर पर विकसित होने वाले एपीएचसी में 12 की तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं होंगी. यही नहीं जिला स्तर पर मरीजों को जो दवाएं लिखी जायेंगी, वह हेल्थ वेलनेस सेंटर पर भी उपलब्ध होंगे. सेंटर पर मैटरनल हेल्थ और प्रसव की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा,कांट्रासेप्टिव सुविधा और संक्रामक, गैर संक्रामक रोेगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक और गले से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए अलग यूनिट होगी. इसके अलावा बुजुर्गों के इलाज की अलग से सुविधा होगी.
मरीजों की होगी काउंसेलिंग भी
हेल्थ वेलनेस सेंटर के कांसेप्ट का उद्देश्य है ग्रामीण स्तर पर लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराना. खास कर काउंसेलिंग और माॅनिटरिंग करना. होता यह है कि किसी बीमारी को लेकर कोई व्यक्ति शहर में स्थित अस्पताल में इलाज कराने आता है. दवा देने के बाद चिकित्सक उसे सात दिनों के बाद आने को कहते हैं. अब उसे एक बार फिर उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी.
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में इस समस्या से निजात मिल सकेगी. वहां बैठे डाॅक्टर व स्वास्थ्य कर्मी उक्त मरीज की स्थिति देख कर उसका आगे का इलाज कर सकेंगे. उसकी काउंसेलिंग भी हो जायेगी. दूसरी बात यह भी कि कई ऐसी समस्याएं हैं जिसके समाधान के लिए लोगों को शहर आना पड़ता है, वह अब उनके अपने गांव में ही दूर हो जायेगी. इससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल पर बढ़े दबाव को भी कम किया जा सकेगा.
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