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साेनडीहा गैंग रेप की कार्रवाई में बरती गयी ढील : सुषमा

हैवानियत की चरम पार करनेवाली यह घटना न सिर्फ राज्य, बल्कि देश का शर्म से झुक गया सिर गया : राष्ट्रीय महिला आयाेग की सदस्य सुषमा साहू शुक्रवार काे दाेपहर बाद गया पहुंची. यहां सर्किट हाउस में प्रेस काे संबाेधन के बाद वह साेनडीहा गैंग रेप पीड़िता के घर गुरारू थाने के बहबलपुर गांव पहुंची. […]

हैवानियत की चरम पार करनेवाली यह घटना

न सिर्फ राज्य, बल्कि देश का शर्म से झुक गया सिर
गया : राष्ट्रीय महिला आयाेग की सदस्य सुषमा साहू शुक्रवार काे दाेपहर बाद गया पहुंची. यहां सर्किट हाउस में प्रेस काे संबाेधन के बाद वह साेनडीहा गैंग रेप पीड़िता के घर गुरारू थाने के बहबलपुर गांव पहुंची. यहां पीड़ित परिवार डेरा लेकर रहते हैं. वह पीड़िताें से अकेले में मिल कर उनसे सारी बाताें की जानकारी ली. बहबलपुर में पहले से एडीएम, टिकारी डीएसपी नागेंद्र सिंह, गुरारू व काेंच के थानाध्यक्ष समेत अन्य अधिकारी माैजूद थे. सर्किट हाउस में आयाेग की सदस्य सुषमा साहू ने कहा कि यह दुखद घटना है. इस घटना से न केवल बिहार बल्कि देश का माथा शर्म से झुक गया है. उन्हाेंने कहा इंसानियत अब दफन हाे चुकी है.
हम कहां जा रहे हैं. हमारी साेच कहां जा रही है. हमारी मानसिकता कितनी गिर रही है. हमारा जमीर जिंदा है या नहीं? इन सारे विंदुआें पर प्रश्नचिह्न खड़ा हाे गया है. उन्हाेंने कहा एक परिवार अपनी बेटी व पत्नी काे लेकर कहीं जा रहा है, उसके साथ रास्ते में इतनी वीभत्स व दरिंदगी के साथ पेश आना. बिहार में जहां शराबबंदी है. वहां नशा करनेे के बाद जाे अमानवीय कृत्य किया गया,उसकी जांच के लिए आयी हूं.
थाेड़ा विलंब हुुआ,चूंकि दूसरी जगह भी एक जांच में गयी थी.
अब तक सभी आरोपितों की गिरफ्तारी न हाेना प्रशासनिक अक्षमता : अब तक इसमें शामिल सभी लाेगाें की गिरफ्तारी न हाेना भी प्रशासनिक अक्षमता काे दर्शाता है. आखिर कैसे फरार हैं लाेग. क्याें नहीं अब तक काेर्ट से कुर्की जब्ती का वारंट लेकर उसके घर व सामान काे कुर्क नहीं किया गया? जाे लाेग अरेस्ट किये गये हैं, उनकी सही पहचान व सही सबूत मिले हैं या नहीं? या फिर अफरातफरी में पुलिस किसी काे पकड़ कर दिखला दी. उन्होंने कहा कि एसएसपी व डीएम काे बुलाया था पर यहां आने पर पता चला वे बाेधगया मंदिर की सुरक्षा काे लेकर मीटिंग में लगे हैं. खैर यहां नहीं आयेंगे ताे आयाेग दिल्ली बुला लेगी.
श्रीमती साहू ने कहा कि सबसे गंभीर बात आैर समाज से मेरी नाराजगी है कि गांव में बेटी की इज्जत लूटी जा रही है, वह गांव की बेटी न हाेकर दलित, पिछड़े व किसी जाति की हाे जा रही है. बेटियाें काे जाति में वर्गीकृत किया जा रहा है. यह आनेवाले दिनाें के लिए समाज में चैलेंज है. करारा तमाचा है.
पीड़ित परिवार काे दिया जाना चाहिए था मुआवजा
उन्हाेंने कहा सबसे पहले घटना की शिकार पीड़ित परिवार काे दाे दिनाें के अंदर मुआवजा दे देनी चाहिए थी, यह काेई एहसान नहीं. किसी के इज्जत की कीमत पैसे से नहीं आंकी जा सकती है. मुआवजा उसके घर पर ससम्मान पहुंचा देना चाहिए था, ताकि तत्काल उस परिवार काे राहत मिल सके. दूसरी बात कि पीड़ित ने दरिंदाें की पहचान कर ली है. अब उस परिवार काे अधिक सुरक्षा की जरूरत है. अब उसकी व उसके परिवार काे जान का खतरा बढ़ सकता है. सिर्फ वर्तमान में नहीं भविष्य में भी सुरक्षा देने की जरूरत है. 164 का जाे बयान हुआ है आैर जाे मैं बयान लूंगी उसका मिलान करूंगी. तब पता चलेगा कि इसमें पुलिस प्रशासन कितना दाेषी है.
उसकी इज्जत, आबरू पर प्रश्नचिह्न लगा है. बच्ची ट्रॉमा में हाेगी, जैसा जघन्य कृत्य उसके साथ अचानक से हाे गयी, जब वह इसके लिए तैयार नहीं थी. ऐसी घटना बालमन भी स्वीकार नहीं कर सकता. उसे ट्रॉमा से निकालने के लिए क्या काेई काउंसिलर बहाल की गयी. उस बच्ची व परिवार काे अब परिवार, समाज व गांव-गिरांव के लाेग गलत दृष्टि से देखेंगे. इसके लिए बच्ची की पढ़ाई-लिखाई भी प्रशासन की जिम्मेदारी है. उन्हाेंने कहा एफआइआर में काैन-काैन सी धाराएं लगीं हैं. इस घटना में शामिल सभी लाेगाें पर पॉक्साे लगा है या नहीं. चूंकि बालिग हाे या नाबालिग सभी पर पॉक्साे एक्ट लगता है.

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