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गया : इस साल पितृपक्ष मेले की तैयारी को लेकर विभाग से पांच करोड़ रुपये की हुई डिमांड
निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में लिया गया निर्णय प्रमुख नालों के निर्माण में देरी पर इंजीनियरों को लगी फटकार गया : सितंबर में शुरू होने वाले पितृपक्ष मेला 2018 में नगर निगम प्रशासन सफाई, प्रकाश व्यवस्था, अस्थायी स्टैंड समेत अन्य कार्यों पर पांच करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है. […]
निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
प्रमुख नालों के निर्माण में देरी पर इंजीनियरों को लगी फटकार
गया : सितंबर में शुरू होने वाले पितृपक्ष मेला 2018 में नगर निगम प्रशासन सफाई, प्रकाश व्यवस्था, अस्थायी स्टैंड समेत अन्य कार्यों पर पांच करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है. इसके लिए गुरुवार को निगम सभागार में आयोजित सशक्त स्थायी समिति की बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग से पांच करोड़ रुपये मांगने संबंधी निर्णय लिया गया है.
मेयर वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में शहर में चल रहे नाला सफाई, जलापूर्ति समेत नगर निगम की कई योजनाओं पर सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने चर्चा की. इस दौरान कई योजनाओं की लेटलतीफी को लेकर संबंधित सहायक व कनीय अभियंताओं की क्लास भी लगायी गयी.
बैठक शुरू हुए अभी कुछ देर बीता नहीं था कि दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर किसी बिंदु पर बातचीत करने मेयर वीरेंद्र कुमार, डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव, निगम आयुक्त ईश्वरचंद्र शर्मा व वार्ड पार्षद अबरार अहमद सभागार में बने मेयर के कक्ष में चले गये.
इस दौरान बाहर बैठे वार्ड पार्षदों में चर्चा शुरू हो गयी. वार्ड पार्षद संतोष सिंह इस दौरान यह कहकर बैठक से बाहर चले गये कि चलो अब बैठक हो गयी. 12 बज कर 35 मिनट पर सभी मेयर कक्ष से बाहर निकले. उनके आते ही वार्ड सात के पार्षद चुन्नु खां नाराज हो गये अौर कहा कि हम बाहर बैठे रहते हैं और अंदर में कुछ और पक रहा होता है. डिप्टी मेयर ने मामला फंसते देख कहा कि वह किसी जरूरी मसले पर बात कर रहे थे. इस दौरान कुछ देर के लिए वहां का माहौल गर्म रहा.
चिल्ड्रेन पार्क पर तीन दिनों के अंदर सीओ से रिपोर्ट
चिल्ड्रेन पार्क पर जब चर्चा शुरू हुई तो बात सामने आयी कि अभी इस पार्क के लिए गया-पटना रोड स्थित कंडी नवादा के पास जो जमीन देखी गयी है वहां काम शुरू नहीं हुआ है.
इस काम को देख रहे सहायक अभियंता शैलेंद्र सिन्हा ने सदस्यों को बताया कि इस जमीन के कुछ हिस्से में वन विभाग की जमीन भी है. इसके लिए विभाग से एनओसी लेना होगा. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही सीओ के साथ पूरे जमीन की मापी करायी गयी है, सीओ से रिपोर्ट का इंतजार है. इस पर डिप्टी मेयर ने कहा कि तीन दिनों के अंदर सीओ से रिपोर्ट लेकर ऑफिस में जमा करायें.
दो-दो साल से पैसा पड़ा है, फिर भी निर्माण में देरी
बॉटम नाला, कुजापी नाला, नादरागंज नाला आदि प्रमुख नालों के निर्माण पर चर्चा शुरू हुई तो बताया गया कि सभी का पैसा दो से तीन सालों से पड़ा है लेकिन इन नालों का निर्माण नहीं हो रहा है. संबंधित सहायक व कनीय अभियंताओं ने बताया कि दो से तीन बार सभी के निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया है लेकिन टेंडर फाइनल नहीं हो सका है.
यह बात भी सामने आयी कि सभी नालों के लिए रिवाइज्ड प्राक्कलन भेजा जाना है, जो जल्दी ही विभाग को भेज दिया जायेगा. इस पर सदस्यों ने कहा कि रिवाइज्ड प्राक्कलन भेजने में देरी नहीं करें. सभी को एक सप्ताह के अंदर संबंधित नालों का रिवाइज्ड प्राक्कलन विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया.
निगम के मार्केट की रेट की जांच को लेकर टीम गठित
मार्केट शाखा पर जब चर्चा शुरू हुई तो यह बात सामने आयी कि अभी भी नगर निगम को कई मार्केट से पुराने दर पर ही किराया मिल रहा है, जिससे निगम को सालाना लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है. तय हुआ कि सभी मार्केट के मौजूदा किराया की जांच को लेकर चार सदस्यीय टीम रिपोर्ट देगी, ताकि नगर निगम दुकानदारों से नियमानुकूल उचित किराया वसूल कर सके.
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