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जेल में विकलांग कैदी की मौत

गया: सेंट्रल जेल में बंद विकलांग 27 वर्षीय महेंद्र भुइंया की मौत इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में सोमवार की सुबह हो गयी. वह डुमरिया थाने के मैगरा बाजार के पास स्थित नारायणपुर-भुइंयाटोली के रामनंदन भुइंया का बेटा था. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया. घटना की जानकारी होते ही सोमवार की […]

गया: सेंट्रल जेल में बंद विकलांग 27 वर्षीय महेंद्र भुइंया की मौत इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में सोमवार की सुबह हो गयी. वह डुमरिया थाने के मैगरा बाजार के पास स्थित नारायणपुर-भुइंयाटोली के रामनंदन भुइंया का बेटा था.

मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया गया. घटना की जानकारी होते ही सोमवार की रात महेंद्र के परिजन सेंट्रल जेल पहुंचे. जेल अधिकारियों ने परिजनों को बताया कि रविवार की देर रात महेंद्र की तबीयत अचानक खराब हो गयी. जेल में उसका इलाज किया गया. लेकिन, स्थिति गंभीर होने के कारण उसे मगध मेडिकल में भरती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गयी. हालांकि, जेल अधिकारियों के जवाब से परिजन संतुष्ट नहीं हुए और उसके इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया.

जेल पहुंचे महेंद्र भुइंया के पिता रामनंदन भुइंया, नारायणपुर पंचायत के मुखिया मधु देवी के पति दिलीप पासवान, सरपंच बिमला देवी के पति बैजनाथ पासवान, अजरुन भुइंया, बैजू भुइंया, राजेंद्र भुइंया, लखन भुइंया, झकसू भुइंया, महेंद्र यादव व बिरजू यादव ने बताया कि महेंद्र दोनों हाथों व दोनों पैरों से विकलांग था. एक तो पुलिस ने ऐसे विकलांग व्यक्ति को झूठे नक्सली केस में फंसा दिया था, वहीं, दूसरी ओर जेल अधिकारियों ने उसके इलाज में कोताही बरत कर उसकी जान ले ली.

परिजनों ने बताया कि वह करीब 18 महीने पहले पुलिस की पकड़ में आया था. उन्हें बताया गया था कि उसके विरुद्ध डुमरिया थाना कांड संख्या 65/12 दर्ज है. इस मामले में हाइकोर्ट से इसकी जमानत पिछले महीने ली गयी थी. रिहा कराने जब जेल पहुंचे तो बताया गया कि उसके विरुद्ध कांड संख्या 64/12 भी दर्ज है. बेल लेने के लिए शेरघाटी न्यायालय में अपील की गयी थी, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था. इधर, जेलर रामाधार सिंह ने बताया कि शेरघाटी जेल से 23 अप्रैल को वह आया था. गया कोर्ट में सुनवाई थी. रविवार की देर रात उसकी तबीयत बिगड़ गयी. उसे मेडिकल कॉलेज में भरती कराया, लेकिन बच नहीं सका.

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