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गया ने प्रत्यक्ष रूप से ज्ञान व मोक्ष का अनुभव कराया : स्वामी रामदेव

गया : गांधी मैदान में आयोजित योग चिकित्सा सह विज्ञान शिविर के अंतिम दिन स्वामी रामदेव ने अपने गया आने का अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि वह सुनते रहे थे कि गया ज्ञान और मोक्ष दोनों की धरती है. यहां तीन दिनों के प्रवास के दौरान इसका प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कर लिया. उन्होंने […]

गया : गांधी मैदान में आयोजित योग चिकित्सा सह विज्ञान शिविर के अंतिम दिन स्वामी रामदेव ने अपने गया आने का अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि वह सुनते रहे थे कि गया ज्ञान और मोक्ष दोनों की धरती है. यहां तीन दिनों के प्रवास के दौरान इसका प्रत्यक्ष रूप से अनुभव कर लिया. उन्होंने कहा कि यह धरती पवित्र है. यहां जन्म लेने वाले सौभाग्यशाली हैं.

गया आकर यह सौभाग्य मिला. उन्होंने कहा कि गया के लोगों ने योग को सीखने और जानने में भी तत्परता दिखायी. शिविर के अंत में उन्होंने सभी को हर रोज योग करने का संकल्प दिलाया. उन्होंने लोगों से योग को अपनी जीवनशैली का सबसे अहम हिस्सा बनाने की सलाह दी. इससे पहले रविवार की देर रात आंधी बारिश के कारण गांधी मैदान में कई जगहों पर पानी जम गया था व कारपेट भी गीले हो गये थे. सुबह लोगों को पहुंचने में भी देर हुई. योग के दौरान भी बूंदा-बांदी होती रही, लेकिन लोग डटे रहे.

योग सबसे बड़ा ऐश्वर्य : स्वामी रामदेव ने कहा कि योग मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा ऐश्वर्य है. जीवन में आप कुछ भी हासिल कर लें, जीवन में योग नहीं हो तो सब कुछ बेकार है. उन्होंने कहा कि यह ऐसे ही मानने की बात नहीं है. लोग प्रयोग कर देख लें. अंतर जरूर दिखेगा. योग ही मनुष्य को काम, क्रोध और लोभ से बाहर निकालता है. उन्होंने देश में हो रही हत्याओं, दंगा व बलात्कार पर दुख जताया. कहा कि मनुष्य ने अपने संस्कार खो दिये हैं. यह अराजकता उसी का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जब भी लगे की ‘ काम ‘ आप पर हावी हो रहा है, आप बहक रहे हैं, तो ‘ राम ‘ का स्मरण कर लें. ईश्वर से विनती करें कि आपको बहकने से बचायें. कुछ मिनटों में परिणाम सामने होगा. मन से काम की भावना दूर हो जायेगी. योग यही सिखाता है. स्वयं पर नियंत्रण करने वाले मनुष्य को जीवन में कोई भी बहका नहीं सकता.

फिर से दी सत्कर्म की सीख : स्वामी रामदेव ने योग शिविर के अंतिम दिन भी लोगों को अच्छे कर्म करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने सत्कर्म और ज्ञान से ही जाना जाता है. जिसे वेदों का ज्ञान है, जिसने वेद पढ़ा है, ब्राह्मण वही है. केवल ब्राह्मण कुल में जन्म लेने से नहीं होता. ठीक इसी तरह से जो योग करता है, जिसे योग का पूरा ज्ञान है, वही योगी है. उन्होंने कहा कि अच्छे कर्म करो जीवन सफल हो जायेगा. युवाओं से कहा कि देश को आज उनकी जरूरत है. देश सेवा सर्वश्रेष्ठ कर्म है. उन्होंने एक गीत ‘ आज जरूरत भारत मां को ऐसे वीर जवानों की….. परंपरा जो निभा सके हंस-हंस कर बलिदानों की..’ गा कर देशसेवा के प्रति युवाओं को प्रेरित किया.

सोमवार को तीन दिवसीय योग शिविर के समाप्त हो जाने के बाद स्वामी रामदेव आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) के लिए रवाना हो गये. गया के बाद वहां उनका शिविर होना है. स्वामी रामदेव की विदाई के वक्त समस्त कार्यकर्ता भावुक थे. इससे पहले गया काॅलेज में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद उन्होंने कई लोगों से मुलाकात की.

यहां भी उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा. लोग बाबा से मिलने के लिए उत्साहित थे. स्वामी रामदेव ने एक-एक कर सभी से मुलाकात की और आर्शीवाद दिया. शहर के कुछ लोगों ने उनका सम्मान भी किया.

इससे पहले शिविर में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस देश में कई लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया. कई प्रकार की भ्रामक सूचनाएं फैलायीं. लेकिन, जितना दुष्प्रचार किया लोगों का प्रेम बढ़ता ही गया. उन्होंने कहा कि इस देश में रावण कितना भी ताकतवर हो राम उसका नाश कर ही देंगे. उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों से घबराना नहीं चाहिए. उन्होंने हंसते हुए कहा लोगों ने राम को तो परेशान करना छोड़ा ही नहीं, मैं तो रामदेव हूं. लेकिन इन सब के बीच योग और अार्युवेद के प्रति लोगों के बढ़ते प्रेम ने बुरी ताकतों को परास्त किया है.
2020 तक 11 करोड़ लोगों को योग से जोड़ने का प्रयास
गया : पतंजलि योग समिति के तीन दिवसीय योग शिविर के समापन के बाद स्वामी रामदेव ने पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान न्यास, महिला पतंजलि योग समिति, युवा भारत, पतंजलि किसान सेवा समिति के सदस्यों के साथ बैठक की. गया काॅलेज में हुई बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित योजनाओं पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि 2020 तक 11 करोड़ लोगों को योग से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सभी जिला प्रभारियों को 2019 तक 1000 योग शिक्षक तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने गया में इस आयोजन को लेकर सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि योग को लेकर व्यापक स्तर पर लोगों से संपर्क बनाये रखें. अधिक से अधिक लोगों को साथ जोड़ें. पतंजलि योग समिति ने समाज व देश को स्वस्थ बनाने का जो संकल्प लिया है वह तब पूरा होगा जब सभी कार्यकर्ता मिल कर प्रयास करेंगे.
एक जून को गया से शुरू होगा प्रशिक्षण : शहर के धर्मसभा भवन में एक से 21 जून तक योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर लगाया जायेगा. इसमें भाग लेने वाले लोगों को 1100 रुपये शुल्क देना होगा. इसमें उन लोगों को योेग से जुड़ी किताबें व अन्य सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी. इसमें 18 से अधिक उम्र के लोग हिस्सा ले सकेंगे. खास बात यह कि यहां से चयनित योग शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण के लिए पतंजलि योग समिति हरिद्वार जाने का मौका मिलेगा.

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