गया: तदर्थ अपर जिला व सत्र न्यायाधीश केशव मूर्ति तिवारी की अदालत ने सोमवार को पत्थर व्यवसायी विजय प्रताप सिंह की अपहरण कर हत्या करने के मामले में तीन आरोपितों को आजीवन कारावास और दो आरोपितों को तीन-तीन साल की सजा सुनायी.
कोर्ट सूत्रों के अनुसार, व्यवसायी हत्याकांड के आरोपितों मुफस्सिल थाने के राणा नगर के पवन सिंह, गुड्डू सिंह और शिवपुरी कॉलोनी के वरुण सिंह उर्फ बंटी उर्फ गोरा को भादवि धारा 302 (हत्या) के तहत उम्रकैद व 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी. कोर्ट ने तीनों को 364 (अपहरण) के तहत दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है. वहीं, इस मामले में भादवि की धारा 201 के तहत साक्ष्य छिपाने के आरोपितों सकलदेव सिंह (पवन सिंह के पिता) व अनिल सिंह (वरुण सिंह के पिता) को तीन-तीन साल की सजा सुनायी गयी है.
जज ने सजा सुनाने के साथ ही सकलदेव सिंह व अनिल सिंह को जमानत भी दे दी. इस सुनवाई में अपर लोक अभियोजक सुनील कुमार, अधिवक्ता सत्यनारायण सिंह, अधिवक्ता सरताज अली खान, अधिवक्ता मुकेश कुमार सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भाग लिया. गौरतलब है कि विगत नौ मई को मामले की सुनवाई के दौरान उक्त अदालत ने सभी पांचों आरोपितों को दोषी करार दिया था. उसी दिन सकलदेव सिंह व अनिल सिंह को सेंट्रल जेल भेज दिया गया था, जबकि पवन सिंह, वरुण सिंह व गुड्डू सिंह पहले से ही सेंट्रल जेल में बंद हैं.
2008 में हुई थी व्यवसायी की हत्या. कोर्ट सूत्रों के अनुसार, मुफस्सिल थाने के लखीबाग मुहल्ले के रहनेवाले विजय प्रताप सिंह की हत्या 14 सितंबर, 2008 को हुई थी. विजय के चाचा चंद्र भूषण सिंह ने मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी में चाचा ने बताया था कि 14 सितंबर की रात पवन सिंह, वरुण सिंह व गुड्डू सिंह उनके भतीजे विजय के घर आये और उसे अपने साथ लेकर चले गये. देर रात तक विजय घर नहीं लौटा, तो उसकी खोजबीन शुरू हुई. इस बीच, विजय समेत उसके तीनों साथियों के मोबाइल बंद मिले.
अगली सुबह गेरे पहाड़ पर विजय का शव मिला. हमलावरों ने विजय की गला काट कर हत्या कर दी थी. उसके गले से सोने की चेन, अंगूठी व घड़ी गायब थी. उन्होंने बताया कि पवन सिंह, वरुण सिंह व गुड्डू सिंह के साथ मिल कर विजय पत्थर का व्यवसाय करता था. विजय ने तीनों दोस्तों को काफी रुपये व्यवसाय करने के लिए दिये थे. साथ ही, पवन के पिता सकलदेव सिंह को उनकी बेटी की शादी में एक लाख रुपये दिये थे. रुपये के लेन-देन के कारण विजय की हत्या कर दी गयी. सकलदेव सिंह रिश्ते में विजय के चचेरा नाना लगते हैं.