गया : गया के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) के खिलाफ जिला पर्षद की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी सहित अधिकांश सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है. डीडीसी के खिलाफ कई गंभीर आरोपों को लेकर इन लोगों ने पंचायती राज अधिनियम के तहत हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है. इस मामले को लेकर गुरुवार को जिला पर्षद […]
गया : गया के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) के खिलाफ जिला पर्षद की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी सहित अधिकांश सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है. डीडीसी के खिलाफ कई गंभीर आरोपों को लेकर इन लोगों ने पंचायती राज अधिनियम के तहत हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है. इस मामले को लेकर गुरुवार को जिला पर्षद के प्रांगण में स्थित अध्यक्ष कक्ष में पर्षद की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी की अध्यक्षता में सदस्यों में अनौपचारिक बैठक की. बैठक में जिला पर्षद के 46 सदस्यों में से 25 से अधिक ने हिस्सा लिया.
बैठक में कांति देवी, राहुल कुमार उर्फ मोती सिंह, अजीत कुमार, प्रताप दास, कृष्णा दास, अर्चना कुमारी, नागेंद्र यादव, पूजा भारती, रिजवान खान, मंजू देवी, सुनील दास सहित कई अन्य शामिल हुए. अध्यक्ष लक्ष्मी देवी की माने तो डीडीसी के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम के तहत एक-दो दिनों में हाईकोर्ट में मामला दर्ज करा दिया जायेगा. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि जिले के विकास कार्यों में तेजी नहीं लायी गयी तो जिला पर्षद के सभी सदस्य आयुक्त, डीएम व डीडीसी कार्यालय के समक्ष धरना भी दे सकते हैं.
वार्षिक बैठक बुलाने को लेकर दो-दो आवेदन डीडीसी को दिये : डीडीसी के खिलाफ जिला पर्षद की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी व सदस्यों के द्वारा कई तरह के आरोप लगाये गये हैं. बताया गया कि अध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने पर्षद की वार्षिक बैठक बुलाने को लेकर दो-दो आवेदन डीडीसी को दिया था अध्यक्ष द्वारा दिये गये पहले आवेदन में 17 मार्च को व दूसरे आवेदन में सात अप्रैल को बैठक बुलाने की बात कही गयी थी. उक्त आवेदनों पर डीडीसी द्वारा अब तक किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है.
आरोप लगाया गया है कि अध्यक्ष लक्ष्मी देवी के फाइलों के कागजात को बदल दिया जाता है. यह भी आरोप लगाया गया है कि कई बार आवेदन दिये जाने के बाद भी अध्यक्ष को अब तक सरकारी आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है. सदस्यों ने बताया कि वार्षिक बजट से संबंधित अब तक बैठक नहीं बुलाये जाने से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. इसके कारण पर्षद के सदस्य ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार हो रहे हैं.