गया : शहर में सड़क किनारे खटाल चलाने का प्रचलन चल पड़ा है. हाल के पांच वर्ष में सड़क किनारे खटाल खोलने की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. इसमें खटाल चलाने वाले तालाब, मंदिर, पार्क, सड़क किनारे व सरकारी खाली पड़े जमीन किसी को नहीं छोड़ा है. खटाल चलाने वाले मवेशी के गोबर व बचे खाने को नाले में बहा देते हैं.
इसके कारण कई जगहों पर नाला जाम होने की शिकायत मिलती है. खटाल चलानेवाले अपने मवेशी को सुबह दूध निकालने के बाद गांधी मैदान या फिर शहर में खुला छोड़ देते हैं. इस कारण पार्क में हरियाली का बर्बाद होना व शहर में जाम की स्थिति भी बनी रहती है. पिछले दिनों वार्ड नंबर 16 में भी खटाल के कारण स्थानीय वार्ड पार्षद से मारपीट का मामला सामने आया था. कई जगहों पर हर रोज खटाल के कारण विवाद होता है, लेकिन ज्यादातर मामले आपसी सुलह से सलट लिये जाते हैं.
हर बार नगर निगम बोर्ड की बैठक में अवैध रूप से चल रहे खटाल हटाने की घोषणा की जाती है. जानकारी के अनुसार अब तक निगम द्वारा खटाल हटाने के नाम पर सिर्फ शहर में चल रहे खटाल की सूची तैयार की गयी है. नगर निगम के अधिकारी मजिस्ट्रेट व पुलिस बल नहीं मिलने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.