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अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत, तोड़फोड़

मृतका के घरवालों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप कोतवाली थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति संभाली निजी अस्पताल के डॉक्टर के विरुद्ध मृतका के पति ने कराया मुकदमा गया : शहर के तूतबाड़ी मोड़ स्थित विनायक हॉस्पिटल में बुधवार की सुबह जच्चा-बच्चा की मौत के बाद आक्रोशित हुए परिजनों ने […]

मृतका के घरवालों ने डॉक्टर पर लगाया लापरवाही का आरोप

कोतवाली थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति संभाली
निजी अस्पताल के डॉक्टर के विरुद्ध मृतका के पति ने कराया मुकदमा
गया : शहर के तूतबाड़ी मोड़ स्थित विनायक हॉस्पिटल में बुधवार की सुबह जच्चा-बच्चा की मौत के बाद आक्रोशित हुए परिजनों ने अस्पताल में जम कर तोड़फोड़ कर उसे कबाड़खाना जैसा बना डाला. परिजनों का गुस्सा देख डॉक्टर मौके से फरार हो गये, पर कंपाउंडर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. परिजनों का कहना था कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से ही मरीज की मौत हुई है. अस्पताल में हंगामा व तोड़फोड़ की सूचना पर कोतवाली थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला. पुलिस के पहुंचने के पहले ही गुस्साये परिजनों ने हॉस्पिटल का नक्शा ही बदल दिया था.
जानकारी के अनुसार, बेलागंज के बाजितपुर गांव के रहनेवाले अशोक कुमार यादव ने अपनी 32 वर्षीय पत्नी रीना देवी को विनायक अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर 27 मार्च को भर्ती कराया था. परिजनों का कहना था कि अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें बताया था कि ऑपरेशन करना होगा. बुधवार की सुबह डॉक्टर ने ऑपरेशन के नाम पर मरीज का पेट खोल दिया. इसके बाद डॉक्टरों ने बताया कि मरीज रीना देवी की स्थिति बिगड़ गयी है. उसे मेडिकल कॉलेज ले जाएं. परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत होने के बाद ही उसे मेडिकल कॉलेज ले जाने की बात डॉक्टरों द्वारा कही गयी.
दूसरे के नाम पर चलाया जा रहा था हॉस्पिटल : हैरान करनेवाली बात है कि विनायक हॉस्पिटल दूसरे डॉक्टर के नाम पर चलाया जा रहा था. बोर्ड में डॉक्टर का नाम डॉ आलोक कुमार व डॉ सोनम कुमारी लिखा हुआ है, जबकि हंगामा कर रहे परिजनों का आरोप था कि अस्पताल में इलाज डॉ विनय कुमार करते थे. हंगामे के बाद पहुंची पुलिस ने अस्पताल को अपने कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
जिले में चल रहे कई फर्जी अस्पताल : जिले में कई जगहों पर फर्जी अस्पताल चल रहे हैं. दलालों की मदद से फर्जी अस्पताल में मरीजों लाया जाता है. इसके बाद मनमाने तरीके से मरीजों से पैसे की वसूली की जाती है.
सूत्रों का कहना है कि इस अवैध धंधे की जानकारी स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन दोनों को है. बावजूद इसके संबंधित मामले में कार्रवाई के नाम पर प्रशासनिक पदाधिकारी सिर्फ टालमटोल करते रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि शहर में दूसरे डॉक्टर के नाम पर कई निजी अस्पताल चलाये जा रहे हैं. हाल के दिनों में विभिन्न निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान ही मरीजों की मौत होने के कई मामले सामने आ चुके हैं.
मरने के लिए प्राइवेट अस्पताल में जाते हैं मरीज : सिविल सर्जन
दूसरे डॉक्टर के नाम पर जिले में चल रहे प्राइवेट अस्पताल के सवाल पर सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र प्रसाद सिन्हा ने कहा कि प्राइवेट में लोग मरीजों को मरने के लिए ले जाते हैं. सरकारी अस्पतालों में अत्याधुनिक व्यवस्था होने के बाद भी लोग अपने मरीज का इलाज प्राइवेट में कराने पर विश्वास करते हैं. जबकि वहां सिर्फ मरीजों को लूटा जाता है.
बख्शे नहीं जायेंगे दोषी : थानाध्यक्ष
कोतवाली थानाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने विनायक हॉस्पिटल में हंगामा किया है. मृतक के पति अशोक कुमार यादव ने डॉ विनय कुमार व डॉ कैलाश कुमार पर अपनी पत्नी के इलाज के दौरान लापरवाही कर मार देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है. प्रथम दृष्टया में जांच के दौरान डॉक्टर की लापरवाही प्रतीत होती है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी. इसमें जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनकी गिरफ्तारी निश्चित है.

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