गया: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए अनुबंध पर नियोजित अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है.
इस आदेश से उक्त कर्मचारियों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. दो माह के अंदर इन कर्मचारियों के सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन, स्वास्थ्य जांच व पुलिस वेरिफिकेशन कराने का आदेश राज्य स्वास्थ्य समिति (एसएचएस) के कार्यपालक निदेशक सह स्वास्थ्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को दिया है. साथ ही, यह कार्य संपन्न होने तक सभी कर्मचारियों का वेतन भुगतान स्थगित रखने को कहा गया है. संभावना जतायी जा रही है कि आपराधिक मामलों में सजायाफ्ता, शारीरिक रूप से अक्षम व फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को चिह्न्ति कर सेवा से हटाया जा सकता है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने कहा कि जाली प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों पर कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. गौरतलब है कि एनआरएचएम के तहत राज्य भर में बड़ी संख्या में अनुबंध पर डॉक्टर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, अस्पताल प्रबंधक, जिला मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, लेखापाल, एएनएम, जीएनएम, पारा मेडिकल्स व अन्य कर्मचारी नियोजित हैं. कार्मिक व प्रशासनिक सुधार विभाग (अब सामान्य प्रशासन) विभाग से एक अप्रैल 2003 को जारी संकल्प संख्या 2082 के अनुसार, नयी नियुक्ति हेतु संबंधित प्राधिकार से अनुशंसा प्राप्त होने पर योगदान के समय शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच की जाये. साथ ही, अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर, हस्तलिपि व फोटोग्राफ का मिलान उनके आवेदन पत्र के आधार पर किया जाये. इसके बाद आठ जुलाई 2006 को विभाग से जारी पत्र 1859 के अनुसार, सभी उम्मीदवारों से उनके योगदान की स्वीकृति से पूर्व चरित्र प्रमाणपत्र व पुलिस वेरिफिकेशन करा लिया जाये. संकल्प संख्या 2374, दिनांक 16.07.2007 के अनुसार, एक माह के अंदर स्वास्थ्य परीक्षण तथा प्रमाणपत्रों की सत्यापन अवश्य करा लिया जाना है.
पर, विभिन्न चयन समितियों द्वारा नियोजन से पूर्व या बाद में ऐसा नहीं किया जा रहा है. इस बाबत राज्य स्वास्थ्य समिति में एक परिवाद लाया गया है. हालांकि, उक्त सभी पदों पर नियोजन अनुबंध के आधार पर किया गया है. पर, समिति के कार्यपालक निदेशक सह स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने माना है कि चूंकि, सभी पद अत्यंत महत्वपूर्ण व जिम्मेदारी वाली है. ऐसे में सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन, स्वास्थ्य जांच व पुलिस वेरिफिकेशन करा लेना आवश्यक है. इसके लिए उन्होंने दो माह का समय दिया है. तब तक सभी कर्मचारियों का वेतन भुगतान स्थगित रखने का निर्देश दिया है.